ग़ाजियाबाद : बिटकॉइन वर्चुअल करंसी में देश के दिल्ली -एनसीआर और यूपी के कई निवेशकों के करोड़ों फंसने की खबर है .कंपनियों पर आयकर विभाग के छापों के बाद कंपनी की हैदराबाद की वेबसाइट बंद होने के बाद इससे जुड़े गाजियाबाद समेत दिल्ली-एनसीआर और पूरे यूपी के हजारों खाते बंद हो गए हैं. इससे निवेशकों में घबराहट है.दिल्ली अपराध शाखा में कुछ लोगों ने शिकायत भी दर्ज कराई है.
इस बारे में एक पीड़ित फाइनैंस कन्सल्टेंट अनुज ने बताया कि उनके डिजिटल वॉलिट में करीब छह लाख अस्सी हजार रुपये कीमत के बिटकॉइन थे. 9 दिसंबर को उन्होने 3 लाख 80 हजार रुपये के बिटकॉइन बेच कर अपने खाते में रुपये ट्रांसफर करने चाहे तो रकम नहीं आई. इसके बाद वेबसाइट चेक करने पर वह भी बंद मिली. बिटकॉइन के प्रति निवेशकों का रुझान इसलिए बढ़ा क्योंकि इसकी कीमत बहुत तेजी से बढ़ती है.दो साल पहले एक बिटकॉइन जो मात्र 7 हजार कीमत का था, वह इस साल सितंबर में इसकी कीमत 5 लाख, अक्टूबर में साढ़े नौ लाख और नवंबर में 14 लाख रुपये हो गई.
बता दें कि आयकर विभाग के अनुसार बिटकॉइन भारत में वैध नहीं है. नोटबंदी के बाद से बिटकॉइन की कीमत बढ़ने से इसमें कालेधन लगने का शक है. विशेषज्ञों के अनुसार बिटकॉइन वर्चुअल करंसी है , लेकिन भारत में इसे कमोडिटी की तरह निवेश किया जाता है . बिटकॉइन में 500 रुपये से करोड़ों रुपये का निवेश किया जा सकता है.भारत में 10 कंपनियां खरीद-बिक्री करवाती हैं. खाता खोलकर एक ई-वॉलिट जारी किया जाता है.बिटकॉइन का जनक जापानी मूल के इंजिनियर सातोषी नाकामोतो को माना जाता है.विश्व में 2 करोड़ 10 लाख बिटकॉइन की ही बिक्री हो सकती है.इसकी मांग बढ़ने पर कीमत भी बढ़ जाती है.
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