देखिए एक लड़की, जिसने 9 साल की उम्र में लिख डाला उपन्यास

हम आपको मिला रहे हैं एक ऐसी लड़की से, जिसने 9 साल की उम्र में एक उपन्यास लिख डाला है। लड़की का देखकर दंग रह जाएंगे नामी उपन्यासकार। जिस उम्र में आजकल के बच्चे नए-नए गैजेट्स और गेम्स की डिमांड करते हैं, उस उम्र में निहारिका सिर्फ बुक्स की मांग करती है। नौ साल की निहारिका ने किताबों की इसी दीवानगी में अपना नॉवल ‘द सीक्रेट पिंक रोज’ लिख दिया। इसे हाल ही में जालंधर में रिलीज किया गया है।
निहारिका डीएवी स्कूल गुरुग्राम में चौथी कक्षा की छात्रा है। स्कूल में हमेशा अव्वल रहने वाली निहारिका की मां पारुल चोपड़ा और पिता मुनीष चोपड़ा सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और गुरुग्राम में निजी कंपनी में काम करते हैं। निहारिका की मां पारुल बताती हैं कि उनकी बेटी जब चार साल की थी, तो उसको कोई फोटो दी जाती तो वह उस पर अलग एक कहानी लिख देती थी। उसको कोई किताब नजर आ जाए वह उसको चाव से पढ़ने लगती थी।

स्टोरी बुक के प्रति उसकी डिमांड अचानक बढ़ने लगी। वे उसके लिए स्टोरी बुक खरीदकर लाते तो वह कुछ ही घंटे में पढ़कर उसको खत्म कर देती। रोजाना रात को सोने से पहले वह किताब पढ़ती है। निहारिका की उम्र के बच्चे कार्टून नेटवर्क से लेकर टेलीविजन सीरियल के शौकीन होते हैं लेकिन उसको टेलीविजन देखना अच्छा नहीं लगता। निहारिका का टारगेट है कि वह एक अच्छी लेखिका के साथ-साथ एक डॉक्टर बने।

छुट्टियों का करती है इंतजार

निहारिका इंतजार करती है कि कब उसको स्कूल में एक साथ कुछ छुट्टियां मिले और वह अलग से कुछ लिखे। स्कूल में स्टेज कार्यक्रम से लेकर नाटक तक में हिस्सा लेने वाली निहारिका आत्मविश्वास से लबरेज रहती है। ‘द सीक्रेट पिंक रोज’ के बारे में निहारिका बताती है कि वह गर्मियों की छुट्टियों में नाना-नानी के पास जालंधर माडल टाउन आई थी। उसके नाना एसएन बत्रा बैंक से मैनेजर रिटायर हैं औैर निहारिका उनकी लाडली है।

निहारिका जालंधर में आई तो अपनी आदत के मुताबिक एक राजकुमारी पर कहानी लिखनी शुरू की लेकिन वह कब आठ हजार अक्षर से अधिक हो गई, उसको खुद पता ही नहीं चला। नाना-नानी ने जब उसकी पूरी स्टोरी पढ़ी तो उनको खुद यकीन नहीं हुआ। आखिरकार निहारिका के इस नावल को प्रकाशित करना तय हो गया और नाम रखा गया ‘द सीक्रेट पिंक रोज’

प्रकाशित होते ही 300 कापी बुक
गुरुग्राम के इनविसिबल पब्लिशर ने द सीक्रेट पिंक रोज को प्रकाशित किया और नॉवल की ऑनलाइन बुकिंग ही शुरू हो गई। 300 नावल प्रकाशित होने के चंद दिनों में बुक हो गया। जालंधर में जिस समय नावल रिलीज हुआ तो स्टाल पर इसकी कापियां कुछ मिनटों में ही खत्म हो गई। फिलहाल नॉवल अमेजॉन, फ्लिपकार्ट और शॉपक्लूस पर बिक रहा है।

 

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