चारिलाम विधानसभा क्षेत्र में पिछले हफ्ते माकपा उम्मीदवार रामेंद्र नारायण देब वर्मा की मौत हो जाने के कारण आज मतदान नहीं हो पाया. इस निर्वाचन क्षेत्र में 12 मार्च को वोट डाले जायेंगे. चुनाव आयोग ने दिल्ली में कहा कि नया मतदान प्रतिशत 59 निर्वाचन क्षेत्रों में से 41 से तैयार किया गया है.
इलेक्शन कमिशन ने बताया कि EVM में छेड़छाड़ की कई शिकायतें मिली. इनमें से कुछ शिकायतें गलत पाई गईं. चारीलाम से माकपा के उम्मीदवार रमेंद्र नारायण देबबर्मा के निधन के कारण एक सीट पर रविवार को मतदान नहीं हुआ.इस सीट पर 12 मार्च को चुनाव होगा. 12 वैलेट यूनिट को बदला गया. किसी तरह के हिंसा की कोई खबर नहीं है. हालांकि दो कच्चे बम मिले थे जिन्हें नाकाम कर दिया गया. पश्चिमी त्रिपुरा, खोवई और उनाकोटी जिलों में कुछ केंद्रों पर ईवीएम से जुड़ी कुछ दिक्कतों के कारण मतदान प्रक्रिया विलंबित हुई.
इससे पहले अगरतला विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के उम्मीदवार सुदीप रॉय बर्मन और सत्तारूढ़ माकपा के प्रत्याशी कृष्ण मजूमदार ने ईवीएम में तकनीकी गड़बड़ी के कारण राजधानी के कुछ मतदान केंद्रों पर 90 मिनट तक मतदान रोके जाने का दावा किया. तापस रॉय ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि सभी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन काम कर रहे थे.
307 उम्मीदवारों की किस्मत मतपेटी में बंद हो जाएगी. सत्तारूढ़ वाम मोर्चे के सबसे बड़े साझीदार माकपा ने 56 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. वहीं आरएसपी, फॉरवर्ड ब्लॉक और भाकपा के उम्मीदवार एक-एक सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी ने जनजातीय संगठन इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन किया है. अमित शाह की अगुवाई वाली पार्टी ने 51 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. वहीं उसने शेष सीट आईपीएफटी और वाम-विरोधी दलों के लिए छोड़ी है.
कांग्रेस इस बार त्रिपुरा में अकेले चुनाव लड़ रही है और 59 सीटों पर उसके प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. पार्टी ने गोमती जिले के काकराबोन सीट पर कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है. राज्य में 25,73,413 पंजीकृत मतदाता हैं. इनमें से 13,05,375 पुरुष और 12,68,027 महिला मतदाता हैं. राज्य में थर्ड जेंडर के 11 मतदाता हैं. राज्य में 47,803 मतदाता पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.
अनुसूचित जनजातियों के लिए 20 सीट आरक्षित हैं. राज्य के पुलिस महानिदेशक अखिल कुमार शुक्ला ने बताया कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा के पुख़्ता इंतजामात किये गए हैं. उन्होंने बताया कि राज्य सशस्त्र बलों और पुलिस के अलावा केंद्रीय बलों की 300 कंपनियों को शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए लगाया गया है.
बीएसएफ त्रिपुरा के 856 किलोमीटर लंबे भारत-बांग्लादेश सीमा पर कड़ी नजर रख रही है.त्रिपुरा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीराम तरणीकांति ने बताया कि चुनाव आयोग ने मतदान के बाधारहित संचालन के लिए पुलिस पर्यवेक्षकों, सामान्य पर्यवेक्षकों और व्यय पर्यवेक्षकों की तैनाती की है. मतों की गणना तीन मार्च को होगी.