नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने दावा किया कि कश्मीर में सेना ने बीते तीन साल (2014-2017 के बीच) में करीब 540 आतंकियाें को ठिकाने लगाया है। जबकि 2001-13 के बीच पूर्ववर्ती यूपीए (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार के कार्यकाल में 239 आतंकियों को ठिकाने लगाया गया था।
राजनाथ ने अपने मंत्रालय का रिपोर्ट कार्ड जारी करते हुए मीडिया को यह भी बताया, ‘आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) से मिल रही नई चुनौती का भी सरकार ने सफलता से सामना किया है। देश में आईएस से सुहानुभूति रखने वाले 90 से ज़्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसका नतीज़ा ये हुआ है कि बड़ी तादाद में मुस्लिम आबादी होने के बावज़ूद आईएस देश में पकड़ नहीं जमा पाया है।’
हालांकि जब राजनाथ यह बखान कर रहे थे उसी वक्त खुफिया सूत्रों के हवाले से आई ख़बरों में यह भी ख़ुलासा हुआ कि कश्मीर में आतंकी संगठनों में शामिल होने वाले युवाआें की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। द एशियन एज़ में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक इस साल जनवरी से मई के बीच करीब 300 कश्मीरी युवा विभिन्न आतंकी संगठनों में शामिल हो चुके हैं। जबकि पिछले साल इन्हीं महीनों में यह तादाद 168 थी।
खुफिया सूत्रों से यह भी पता चला है कि आतंकी संगठन, ख़ास तौर पर हिज़्बुल मुजाहिदीन सिर्फ दक्षिण कश्मीर तक सीमित नहीं रह गया है। उसने अब मध्य कश्मीर से भी स्थानीय युवाओं की भर्ती शुरू कर दी है। कश्मीरी युवाओं को आतंकी संगठनों की तरफ लाने में सबसे अहम भूमिका सोशल मीडिया निभा रहा है। युवाओं को बरगलाने के लिए इन संगठनों के कमांडर सोशल मीडिया पर आक्रामक अभियान चला रहे हैं।
फिर भी जैसा कि राजनाथ ने दावा किया, ‘हम घाटी के लोगों को भरोसे में लेकर कश्मीर समस्या सुलझा लेंगे।’ उन्होंने बताया, ‘उड़ान योजना में 2011-14 के बीच 1,912 युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया व 1,519 को रोज़गार मिला। जबकि हमारी सरकार ने अब तक 20,324 युवाआें प्रशिक्षण देकर 13,117 युवाओं को रोज़गार मुहैया कराया है। शायद यही है कि हथियार डालने वाले आतंकियों की तादाद 185 फीसदी तक बढ़ी है।’