देवघर एयरपोर्ट से जबरन चार्टर्ड विमान उड़ाने को लेकर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी सहित नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इसे लेकर बीजेपी सांसद और एयरपोर्ट पर तैनात डीएसपी सुमन आनंद की ओर से एक-दूसरे के खिलाफ एफआईआर की गई है। अब इस मामले को लेकर देवघर पुलिस का बयान आया है। पुलिस का कहना है कि बीजेपी सांसद ने कथित तौर पर एटीएस से जबरन क्लीयरेंस लिया था।
देवघर पुलिस ने कहा, ‘देवघर पुलिस ने 31 अगस्त को देवघर एयरपोर्ट से उड़ान भरने के लिए कथित तौर पर हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी) से जबरदस्ती मंजूरी लेने के आरोप में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे, उनके 2 बेटों, सांसद मनोज तिवारी, देवघर हवाई अड्डे के निदेशक और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। एयरपोर्ट के सुरक्षा प्रभारी सुमन आनंद की शिकायत पर एक सितंबर को कुंडा पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जिसमें कहा गया था कि उक्त व्यक्तियों ने एटीसी कक्ष में प्रवेश करके सभी सुरक्षा मानकों का उल्लंघन किया और अधिकारियों पर क्लीयरेंस के लिए दबाव डाला।’
मुद्दे से भटकाने की कोशिश
इस पूरे मामले पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि पिछले दो साल में मुझपर और मेरे परिवार पर की गई यह 37वीं एफआईआर है। यह पहली नहीं है। 31 अगस्त को जब मैं, मनोज तिवारी, कपिल मिश्रा अंकित के परिवार से मिले उसमें झारखंड सरकार का झूठ मिलता दिखाई दिया तो उन्हें इसका काउंटर करने के लिए कोई टूल नजर नहीं आ रहा था। इसलिए वो मुद्दे को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। देवघर एयरपोर्ट की एडवाइजरी कमेटी का मैं चेयरमैन हूं, संसद ने मुझे बनाया है।
बकझक करते मिला तो राजनीति छोड़ दूंगा
क्लीयरेंस को लेकर सांसद ने कहा कि इसी नाइट लैंडिग फैसिलिटी का मैं याचिकाकर्ता हूं जिसकी 15 सितंबर को रांची हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। झारखंड सरकार और मंजूनाथ भयंत्री ने कोर्ट में इसे लेकर झूठा हलफनामा दिया है। अपनी नौकरी बचाने के लिए उन्होंने एफआईआर की है। डीसी ने पिछले साल मेरे ऊपर आठ और एफआईआर की थीं। 6 दिसंबर 2021 को चुनाव आयोग ने झारखंड सरकार से कहा कि निशिकांत दुबे पर गलत एफआईआर हुई हैं। डीसी के पास इसका अधिकार नहीं है, उन्हें हटाइए। सरकार ने उन्हें हटाने के बजाए पद पर बनाए रखा हुआ है। एक भी सीसीटीवी फुटेज में गाली-गलौज तो दूर की बात है अगर मैं झड़प करते हुए भी दिखाई दिया तो राजनीति छोड़ दूंगा।