वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नोटबंदी के एक साल पूरा होने की पूर्व संध्या पर प्रेस कांफ्रेस करते हुए कहा कि इसका विरोध और लूट बताने वाले यह बताएं कि 2जी और CWG क्या था। 
जेटली ने कहा कि नोटबंदी के बाद कई लोग नोटबंदी को हर मर्ज की दवा मानने लगे थे, लेकिन ऐसा नहीं है। हां इससे कई समस्याओं का निदान हुआ है जो अर्थव्यवस्था को खाए जा रही थीं।
– एक साल पहले 8 नवंबर को पीएम नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा करके पूरी दुनिया को चौंका दिया था।
– 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बंद कर दिया था। जेटली ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के भविष्य को बदलना उस वक्त अनिवार्य था। नवंबर 2016 से पहले देश में कैश का ज्यादा इस्तेमाल हो रहा था।
– भारत को कैश करेंसी वाला देश माना जाता था। इस वजह से टैक्स की चोरी भी बहुत होती थी। नोटबंदी एक अभूतपूर्व घटना थी। इससे भष्ट्राचार समाप्त हो जाएगा ऐसा माना जा रहा है।
– जीडीपी में 12.2 फीसदी कैश का हिस्सा था। इस एक साल में सरकार ने कई तरह के निर्णय लिए थे। बेनामी कानून, काला धन कानून जैसे कई फैसले लिए गए।नोटबंदी ने एजेंडा बदल दिया और कैश इकोनॉमी से लेस कैश इकोनॉमी की तरफ हम बढ़े हैं। – डिजिटल ट्रांजेक्शन ज्यादा होने लगे हैं। टेरर फंडिंग पर रोक लगी है। लोगों ने बैंक में अपना सारा पैसा जमा कर दिया , जो कि एक अच्छी बात है। इससे ऐसे लोग भी सामने आए हैं, जो पहले बैंकों में पैसा जमा नहीं करते थे, जिनको अब टैक्स अथॉरिटी के सामने सवालों का जवाब देना पड़ रह है। टैक्स के दायरे में ज्यादा लोग आए हैं।
काले धन को रोकने के लिए नोटबंदी अच्छा कदम
– जेटली ने कहा कि काले धन को रोकने के लिए नोटबंदी एक अच्छा कदम था। यह लूट नहीं थी, लूट वो है जो 2जी, कॉमनवेल्थ और कोयला घोटाले में हुई थी। इसकी वजह से शेल कंपनियों की पहचान भी आसान हुई।
– पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के बयान पर जेटली ने कहा कि उन्हें विश्व में भारत की अर्थव्यवस्था की क्रेडेबिलिटी का 2014 से पहले और बाद का करना चाहिए। – जेटली ने आगे कहा कि कांग्रेस का मुख्य उद्देश्य परिवार की सेवा करने का है, लेकिन हम देश की सेवा कर रहे हैं।
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