हिंदू धर्म में हर महीने में दो एकादशी व्रत होते हैं। जी हाँ और फाल्गुन शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी के नाम से जाना जाता है। आप सभी को बता दें कि यह एकादशी होली से कुछ दिन पहले आने वाली उत्साह उमंग की प्रतीक मानी जाती है और इस एकादशी को रंगभरी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। जी हाँ और यह अकेली ऐसी एकादशी है जिसका भगवान विष्णु के अलावा भगवान शंकर से भी संबंध है। आप सभी को बता दें कि आमलकी एकादशी के दिन श्री हरि विष्णु आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। जी दरअसल ऐसी मान्यता है कि आंवले का वृक्ष भगवान विष्णु को बहुत प्रिय होता है।
जी हाँ और इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ आंवले के वृक्ष की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। आप सभी को बता दें कि इस बार आंवला एकादशी 14 मार्च को है। अब हम आपको बताते हैं इस आमलकी एकादशी की तिथि और शुभ मुहूर्त।
आमलकी एकादशी तिथि शुभ मुहूर्त- अमालकी एकादशी 13 मार्च यानी रविवार की सुबह 10 बजकर 21 मिनट पर आरंभ हो जाएगी 14 मार्च यानी कि सोमवार दोपहर 12 बजकर 05 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। इस दिन के शुभ मुहूर्त के बारे में बात करें तो पंचांग के अनुसार आमलकी एकादशी का व्रत उदया तिथि के हिसाब से 14 मार्च को रखा जाएगा। व्रत का पारण करने के लिए शुभ समय 15 मार्च को सुबह 06 बजकर 31 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 55 मिनट तक रहेगा।