जल संरक्षण की अनदेखी कर भूगर्भ जल का किया जा रहा दोहन प्राकृतिक आपदाओं का कारण बन रहा है। राजपुर ब्लाक में अभी दयानतपुर में धरती फटने की घटना को लोग भूले भी नहीं थे कि चार दिन बाद ही शनिवार को सल्हौला में फिर ऐसी घटना घटी। खेत में 200 मीटर लंबाई तक धरती दरक गई। घटना से किसानों में दहशत है। कृषि वैज्ञानिक और राजस्व की टीम जांच में जुट गई है। कानपुर देहात के एसडीएम सिकंदरा दीपाली कौशिक ने कहा कि सल्हौला में धरती में दरार की सूचना मिली थी। जांच के लिए टीम भेजी गई है। रिपोर्ट आने का इंतजार है।
खेत का पानी दरार में गया
सिकंदरा तहसील क्षेत्र के बहोरापुर व इग्वारा के बीच सल्हौला में जिस खेत में दरार पड़ी, वह राजपाल यादव, श्रीकृष्ण व ओम प्रकाश का है। सुबह खेतों की ओर गए किसानों ने जब धरती में इतनी लंबी दरार देखी तो खबर आग की तरह फैल गई। देखते ही देखते मजमा लग गया। किसानों ने बताया कि शुक्रवार को हल्की बारिश हुई थी। राजपाल व श्रीकृष्ण ने बताया कि खेत में अचानक इतनी बड़ी दरार देख कर चकित हैं। खेत का पानी भी दरार में चला गया। दरार डेढ़ फीट चौड़ी है जबकि देखने आठ फीट गहरी। तहसील क्षेत्र के कानूनगो दीवान चंद्र और लेखपाल भी मौके पर निरीक्षण को पहुंच गए। जांच रिपोर्ट एकत्र कर वैज्ञानिकों को भेजी जा रही है।
कृषि वैज्ञानिक अनिरुद्ध दुबे के अनुसार जल स्तर लगातार नीचे खिसकने से धरती सूख रही है। इन हालात में धरती की निचली परत के धूल कणों में जमा पानी नीचे जाने लगता है। ऊपरी परत का पानी वाष्पीकृत होकर उड़ जाता है। इस बीच मिट्टी के बीच जगह बन जाती है और दबाव बढऩे पर धरती फटने की घटनाएं होती हैं।