चिता पर सोई गर्भवती महिला का धमाके से फटा पेट, उसके बाद जो घटना हुई उसे आप खुद देख ले..

अक्सर हमे कुछ ऐसी घटनाएँ सुनने को मिलती है जिन्हें सुनने के बाद  हमे उनपर यकीन करना तो थोडा मुश्किल होता है लेकिन फिर भी  जब सच्चाई सामने हो तो यकीन करना भी पड़ता है |आज हम आपको ऐसी ही एक घटना बताने वाले है जिसे सुनकर आपको थोडा अटपटा तो जरुर लगेगा लेकिन ये घटना ऐसी है जिसे जानने के बाद आपका भी दिल दहल उठेगा |अक्सर  हमें डॉक्टरों की लापरवाही की खबरे पढ़ने को मिलती ही रहती हैं। लेकिन, यह  एक ऐसा मामला सामने आया है जो डॉक्टरों की लापरवाही को साफ साफ  बयां करता है। दरअसल ये मामला छत्तीसगढ़ के रायगढ़ का है। खबर के मुताबिक, यहां एक महिला की लाश को चिता पर जलाया जा रहा था।

उसी वक्त जलती चिता पर महिला का पेट फटा व नवजात बच्चा उछलकर बाहर आ गिरा। बताया जा रहा है कि प्रसूता को चिता पर लिटाया गया था तभी अचानक उसका पेट फट गया। इसके बाद नवजात बाहर उछलकर चिता के पास गिर पड़ा।जानकरी के मुताबिक  रायगढ़ के रहने वाले राजकुमार की शादी 2015 में हुई थी। करीब 2 साल के बाद उसके घर में खुशखबरी आई थीलेकिन डॉक्‍टरों की लापरवाही की वजह से राजकुमार की खुशियां मातम में तब्‍दील हो गईं। राजकुमार के अनुसार उसकी पत्‍नी का 9वां महीना चल रहा था।

पति के मुताबिक गर्भवती महिला की डिलीवरी का समय डॉक्टर्स ने कुछ दिनों बाद का बताया था। इसी बीच एक दिन उसके हाथ-पैर में अचानक सूजन आने लगी। इसके बाद महिला के परिजनों ने उसे वहां के नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया।जहाँ डॉक्टरों ने महिला की जांच की और कहा कि उसके शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी है जिसके उसे  3 यूनिट ब्लड चढ़ाने की जरूरत थी। लैब प्रभारी ने परिजनों को बताया कि महिला का ब्लड ग्रुप ए पॉजिटिव है।

इसके बाद परिजनों ने काफी दौड़ भाग करने के बाद ब्लड ग्रुप ए पॉजिटिव के 3 यूनिट इकट्ठा किये। इसके बाद जब वो बल्ड जमा करने पहुंचे तो लैब प्रभारी ने उनसे ए निगेटिव ग्रुप का ब्लड लाने को कहा। यानि लैब के कर्मचारियों ने ब्लड ग्रुप गलत बताया था इस तरह से कई बार परिजनों को परेशान किया गया जिसके   बाद परिजनों ने करीब 6 हजार रु. खर्च करके ए निगेटिव ब्लड खरीदालेकिन, इन सब भाग दौड़ के चक्कर में  काफी द देर हो चुकी थी और महिला की मौत हो गई जिसकी वजह से यह पूरा मामला अस्पताल की लापरवाही को दिखाता है। लेकिन अस्पताल की लापरवाही यहीं खत्म नहीं हुई।जिसके बाद राजकुमार को अपनी पत्‍नी की डेड बॉडी लेकर घर वापस लौटना पड़ा लेकिन इन सब के बीच  हैरानी की बात तो ये है कि महिला की मौत के बाद भी डाक्टर्स ने उसके पेट में पल रहे बच्चे के बारे में कुछ नहीं सोचा और न ही इसके बारे में उसके परिजनों को बताया। जबकी अस्पताल के डॉक्टर्स को मालूम था कि वह महिला गर्भवती है।

महिला के पति के मुताबिक, पत्नी का अंतिम संस्कार करते वक्त चिता पर ही उसका पेट फटा और बेटा बाहर आ गिरा और  हम बस देखते रह गए। पिता ने कहा कि मैं अपने कलेजे के टुकड़े को सीने से भी नहीं लगा सका| इस मामले से लोगों में अस्पताल के डॉक्टरों के प्रति काफी गुस्सा है।

उन्होंने अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी लापरवाही से ही उनकी पत्नी और बेटे की जान गई है। उन्होंने बताया की यह हमारा पहला बच्चा था इसलिए घर में सभी खुश थे। लेकिन, अस्पताल के डॉक्टर और स्टॉफ की लापरवाही के कारण मेरा संसार उजड़ गया।

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