इस अद्भुत घटना को विस्तृत रूप से बताते हुए सिद्धार्थ ने कहा कि चंद्रग्रहण के दौरान पृथ्वी, सूर्य और चन्द्रमा के बीच में आ जाती है और पृथ्वी की छाया चांद पर पड़ती है. सिद्धार्थ ने कहा, ‘यदि तीनों लगभग एक ही रेखा पर आते है तो पूर्ण चंद्रग्रहण है. यहां तक कि पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान सूर्य की कुछ किरणें पृथ्वी के वायुमंडल के माध्यम से अपवर्तित होती है और चंद्रमा हल्की भूरी लाल चमक ले लेता है और यही 31 जनवरी को घटित होगा. कुछ लोग इसे ‘ब्लड मून’ भी कहते है.’

केंद्र की विज्ञप्ति में कहा गया है कि पूर्ण चंद्रग्रहण को भारत के हरेक हिस्से में देखा जा सकता है. चंद्रग्रहण शाम पांच बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा और मुख्य चन्द्रग्रहण सूर्यास्त के बाद लगभग छह बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा. विज्ञप्ति में बताया गया है कि एक घंटे के बाद लगभग शाम सात बजकर 25 मिनट पर ग्रहण फीका पड़ने लगेगा और ग्रहण का मुख्य भाग समाप्त हो जायेगा.