भालोटिया मार्केट में एक एकड़ जमीन का फैसला कांग्रेस के पक्ष में आया है। अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश कोर्ट संख्या तीन ओमप्रकाश मिश्र ने नौ अप्रैल 2003 की डिक्री को निरस्त कर दिया है। इस डिक्री में कांग्रेस के जमीन पर दावे को खारिज किया गया था। भालोटिया मार्केट के श्रीप्रकाश भालोटिया ने फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट जाने की बात कही है।
कांग्रेसी बोले, उपहार में मिली थी जमीन, अब न्याय हुआ
भालोटिया मार्केट अब थोक दवा की बड़ी मंडी बन चुका है। यहां की जमीन करोड़ों रुपये की है। 30 जून को कोर्ट का फैसला आने के बाद कांग्रेसी गदगद हैं। उनका कहना है कि न्याय की जीत हुई है। कांग्रेस के पक्ष में निर्णय होने पर छत्तीसगढ़ के प्रभारी पीएल पुनिया, प्रदेश कार्य समिति के सदस्य महेंद्र मोहन उर्फ गुड्डू तिवारी, जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री व मीडिया प्रभारी अनिल सोनकर, तलत अजीज, आशुतोष तिवारी, सुमित पांडेय, अभिजीत पाठक आदि ने खुशी जताई है।
यह है मामला
टाउनहाल पर थोक दवा मंडी भालोटिया मार्केट की एक एकड़ जमीन को लेकर वर्ष 1977 से विवाद चल रहा है। कांग्रेस का कहना है कि वर्ष 1946 में भूमि के स्वामी दुर्गादत्त भालोटिया (अब दिवंगत) ने उपहार में एक एकड़ जमीन कांग्रेस को दी थी। भालोटिया परिवार का कहना है कि संयुक्त परिवार की संपत्ति को दान नहीं दिया जा सकता है।
मधुसूदन त्रिपाठी को दी गई थी जिम्मेदारी
वर्ष 1977 से चल रहे विवाद के संबंध में कोर्ट में पैरवी की जिम्मेदारी बार काउंसिल के सदस्य व वरिष्ठ अधिवक्ता मधुसूदन त्रिपाठी कर रहे थे। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने खुद मधुसूदन त्रिपाठी से बात कर प्रभावी पैरवी की जिम्मेदारी दी थी। उनका सहयोग हरिनंदन श्रीवास्तव और मुकुंदलाल गुप्ता कर रहे थे।
पूर्व मुख्यमंत्री कर चुके हैं पैरवी
उपहार में मिली बेशकीमती जमीन पर कांग्रेस को कार्यालय का निर्माण कराना था। सात अगस्त 77 को कांग्रेसियों ने कार्यालय भवन के निर्माण की शुरुआत की तो मामला पहले थाने और बाद में कोर्ट पहुंचा। इस मामले की पैरवी पूर्व मुख्यमंत्री व रेल मंत्री रहे कमलापति त्रिपाठी और महराजगंज से सांसद शिब्बन लाल सक्सेना भी कर चुके हैं।