कश्मीर घाटी में आईएसआईएस की गतिविधियों को लेकर गृह मंत्रालय ने राज्यसभा में दिए लिखित जवाब में कहा कि कश्मीर घाटी के किसी भी हिस्से में आईएसआईएस सक्रिय नहीं है. दरअसल, राज्यसभा सांसद अमर सिंह ने गृह मंत्रालय से राज्यसभा में लिखित सवाल के जरिए इस बात की जानकारी मांगी थी.
सांसद अमर सिंह ने जम्मू कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों पर गृह मंत्रालय से जानकारी मांगते हुए पूछा है कि क्या यह सच है कि आतंकवादियों के कमांडर ज़ाकिर मूसा तथा उसकी तालिबान-ए-कश्मीर टुकड़ी की ओर से जारी किए गए वीडियो के अनुसार आईएसआईएस ने जम्मू कश्मीर के मुस्लिम बहुल क्षेत्रों को खलीफा साम्राज्य में तब्दील करने की योजना शुरू की है? इसके जवाब में गृह मंत्रालय की तरफ से केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने कहा कि सूचना के अनुसार इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई है कि आईएसआईएस कश्मीर घाटी के किसी हिस्से में सक्रिय है.
गृह राज्यमंत्री ने कहा कि हालांकि जाकिर मूसा, पूर्व हिज़बुल मुजाहिद्दीन उग्रवादी की ओर से गठित और उसके नेतृत्व वाले अंसार गजवात-ए-हिंद ने सोशल मीडिया पर प्रतिकूल सामग्री डाली है. ऐसी सूचना है कि इस समय जाकिर मूसा के पास 10 से कम उग्रवादियों का समर्थन है. गृह मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि वर्तमान में तालिबान जैसा कोई भी उग्रवादी तंजीम कश्मीर घाटी के किसी हिस्से में सक्रिय नहीं है.
आपको बता दें कि कुछ महीने से आतंकी संगठन ISIS की तरफ से कश्मीर में अपनी जड़ जमाने और आतंकी गतिविधियों को तेज करने के वैसे वीडियो डाले जा रहे थे. जिनका कोई अस्तित्व भी नहीं रहा है. यही नहीं ISIS के साथ एक अन्य आतंकी संगठन अलकायदा की तरफ से भी इस तरह के वीडियो व सोशल साइट्स पर सूचनाएं दी जा रही थीं, जिसमें कश्मीर में ‘जिहाद’ के नाम पर सहयोग मांगा जा रहा था.
खुफिया एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि ऐसा लगता है दोनों आतंकी संगठन कश्मीर को लेकर एक तरह से ‘प्रोपेगेंडा’ युद्ध में एक दूसरे को पछाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. यह कश्मीर में लगातार पिट रहे आतंकियों को एकजुट करने की पाकिस्तानी कोशिश भी हो सकती है. कश्मीर में आतंकी संगठनों के हौसले दिनों दिन पस्त होते जा रहे हैं. पाक समर्थित आतंकियों को बड़े पैमाने पर मौत के घाट उतारा जा चुका है. इसके चलते आतंकी संगठन ISIS के फर्जी प्रोपेगेंडा करके आतंकियों को एकजुट करने में जुटे हैं.
हालांकि, आज गृह मंत्रालय ने जिस तरीके से लिखित जवाब में यह कहा है कि कश्मीर घाटी में आईएसआईएस सक्रिय नहीं है उससे यह साफ हो रहा है कि कश्मीर घाटी में सिर्फ आईएसआईएस के नाम को बेचने की कोशिश कुछ आतंकी संगठन कर रहे हैं. इसका फायदा वह कश्मीर में जिहाद के नाम पर युवाओं को एकजुट करने में कर रहे हैं.