नई दिल्ली। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के खिलाफ अभियान शुरू करने वाली दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की छात्रा और शहीद की बेटी गुरमेहर कौर ने दुष्कर्म और हत्या की धमकियां मिलने के बीच मंगलवार को अपना अभियान वापस ले लिया, वहीं सैकड़ों छात्रों ने एबीवीपी के खिलाफ प्रदर्शन किया।
 उपराज्यपाल अनिल बैजल ने विश्वविद्यालयों में छात्रों व शिक्षकों पर हमला करने वालों के खिलाफ ‘कड़ी कार्रवाई’ का वादा किया और पुलिस ने डीयू छात्रा गुरमेहर कौर से सुरक्षा की पेशकश की।
उपराज्यपाल अनिल बैजल ने विश्वविद्यालयों में छात्रों व शिक्षकों पर हमला करने वालों के खिलाफ ‘कड़ी कार्रवाई’ का वादा किया और पुलिस ने डीयू छात्रा गुरमेहर कौर से सुरक्षा की पेशकश की।
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गुरमेहर ने ट्वीट कर कहा, “मैं यह अभियान वापस ले रही हूं। सभी को बधाई। मैं आप सबसे आग्रह करती हूं कि मुझे अकेला छोड़ दें। मुझे जो कुछ कहना था, मैं कह चुकी हूं।”
गुरमेहर ने विश्वविद्यालय में होने वाले विरोध मार्च में हालांकि हिस्सा नहीं लिया, लेकिन इसमें अनुमानित तौर पर 2,000 छात्र शामिल हुए और ‘एबीवीपी शर्म करो शर्म करो’, एबीवीपी वापस जाओ तथा ‘एबीवीपी इतनी गुंडागर्दी मत करो’ के नारे लगाए।
बैनरों में विश्वविद्यालय परिसर में 21-22 फरवरी को हुई घटनाओं के लिए एबीवीपी की निंदा की गई और अभिव्यक्ति की आजादी की मांग की गई।
छात्रा हिंडोली दत्ता ने कहा, “हम यहां एबीवीपी को यह समझाना चाहते हैं कि डीयू हिंसा के खिलाफ एकजुट है।” अंबेडकर यूनिवर्सिटी के एक छात्र गुरप्रीत ने आईएएनएस से कहा, “हमारे प्रदर्शन करने का अधिकार भी एबीवीपी तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने खत्म कर दिया है। यह केवल डीयू में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में हो रहा है। देश भगवा तानाशाही की तरफ बढ़ रहा है।”
प्रदर्शन में मूलत: डीयू के छात्रों ने ही हिस्सा लिया, हालांकि इसमें जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) तथा जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों ने भी हिस्सा लिया। मार्च में शिक्षक भी शामिल हुए।
एबीवीपी ने 21 फरवरी को रामजस कॉलेज में होने वाली एक संगोष्ठी को इसलिए रद्द करवा दिया था, क्योंकि इसमें जेएनयू के छात्र उमर खालिद को वक्ता के तौर पर बुलाया गया था। उमर एबीवीपी की नजर में देशद्रोही है, जबकि अदालत उन्हें जमानत दे चुकी है।
अगले दिन एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने कॉलेज परिसर में छात्रों, शिक्षकों तथा पत्रकारों पर हमला किया। कई गृह राज्यमंत्री किरण रिजीजू सहित कई केंद्रीय मंत्रियों ने एबीवीपी का पक्ष लिया, जो जख्म पर नमक का काम किया।
एक शिक्षक अविनाश ने कहा, “हमारा विरोध एबीवीपी से नहीं है, बल्कि उसकी गुंडागर्दी की प्रवृत्ति से है।” मंगलवार को कांग्रेस समर्थित नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने एबीवीपी के खिलाफ कॉलेज परिसर में भूख हड़ताल की।
डीयू के लेडी श्रीराम कॉलेज की छात्रा और कारगिल युद्ध में शहीद हुए कैप्टन मंदीप सिंह की बेटी गुरमेहर ने कहा, “मैंने बहुत कुछ सहा है और मेरी 20 साल उम्र के लिहाज से यह बहुत है।” उन्होंने कहा, “यह अभियान छात्रों के लिए है, मेरे लिए नहीं। अधिक से अधिक संख्या में मार्च में शामिल हों। शुभकामनाएं।”
अंग्रेजी विभाग के शिक्षकों ने एक बयान में कहा, “हम स्पष्ट रूप से और दृढ़ता के साथ हमारी छात्रा गुरमेहर कौर और हमारे विश्वविद्यालय को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर उसकी राय व्यक्त करने के अधिकार का समर्थन करते हैं।”
उन्होंने कहा, “गुरमेहर के शिक्षक के रूप में यह हमारे लिए बहुत संतुष्ट करने वाली बात है कि उसने चुप रहने के बजाय इन घटनाओं पर बेहद संवेदनशीलता, रचनात्मकता और बहादुरी के साथ प्रतिक्रिया दी।”
उन्होंने कहा, “हमें लगता है कि शैक्षिक संस्थानों का परम कर्तव्य है कि वह छात्रों को हिंसक प्रतिक्रिया के भय के बिना शिक्षित करने के साथ ही उनमें संवेदनशीलता, प्रतिक्रिया और महत्वपूर्ण सोच का विकास करें।”
शिक्षकों ने एक भारतीय नागरिक के रूप में अपने कर्तव्य को पूरा करने के लिए 20 वर्षीय गुरमेहर की प्रशंसा करते हुए क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग व अभिनेता रणदीप हुड्डा द्वारा गुरमेहर का मजाक उड़ाए जाने की आलोचना की।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से ‘दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में हुई हिंसा के लिए जिम्मेदार एबीवीपी के कार्यकर्ताओं’ की गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने साथ ही कहा कि उपराज्यपाल ने उन्हें इस मामले में ‘कड़ी कार्रवाई’ का आश्वासन दिया है।
आम आदमी पार्टी (आप) नेता ने ट्वीट कर कहा कि उन्होंने बैजल से मुलाकात कर उन लोगों की गिरफ्तारी की मांग की, जिन्होंने ‘डीयू में हिंसा की, भारत विरोधी नारे लगाए और (डीयू छात्रा) गुरमेहर (कौर) को धमकियां दीं।’
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वहीं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने स्वीकार किया कि कौर की ट्रोलिंग गलत है, लेकिन उन्होंने एबीवीपी का पक्ष लेते हुए विपक्ष पर विश्वविद्यालय के मुद्दे को तूल देने का आरोप लगाया। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजीजू ने भी एबीवीपी का पक्ष लेते हुए अशांति के लिए वामपंथियों को जिम्मेदार ठहराया।
जवाब में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता सीताराम येचुरी ने कहा, “कानून का शासन सुनिश्चित करने की शपथ लेने वाले मंत्री उनका पक्ष लेते हैं, जिन्होंने 20 साल की एक लड़की को रेप करने और जान से मारने की धमकी दी।”
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