गंगा का शीतकालीन पड़ाव मुखवा गांव बना गंगा ग्राम, अब बदलेगी तस्वीर
गंगा का शीतकालीन पड़ाव मुखवा गांव बना गंगा ग्राम, अब बदलेगी तस्वीर

गंगा का शीतकालीन पड़ाव मुखवा गांव बना गंगा ग्राम, अब बदलेगी तस्वीर

उत्तरकाशी: गंगोत्री के तीर्थ पुरोहितों की नाराजगी के बाद उत्तरकाशी के मुखवा गांव को भी केंद्र सरकार ने गंगा ग्राम घोषित कर दिया है। उत्तरकाशी में गंगोत्री के विधायक गोपाल सिंह रावत ने मुखवा गंगा ग्राम योजना का शिलान्यास किया।  इससे पूर्व, गत 20 फरवरी को केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने बगोरी गांव को गंगा ग्राम घोषित कर वहां होने वाले कार्यों का शिलान्यास किया था। इस दौरान गंगोत्री के तीर्थ पुरोहितों ने केंद्रीय मंत्री के समक्ष मुखवा को भी गंगा ग्राम घोषित करने की मांग उठाई थी।गंगा का शीतकालीन पड़ाव मुखवा गांव बना गंगा ग्राम, अब बदलेगी तस्वीर

गोमुख से लेकर गंगा सागर तक गंगा के किनारे पडऩे वाले 4470 गांवों में से 24 गांवों को केंद्र सरकार ने गंगा ग्राम घोषित किया था। इन गांवों में उत्तराखंड के तीन गांव बगोरी (उत्तरकाशी), वीरपुर (देहरादून) व माला (पौड़ी) शामिल हैं। उत्तरकाशी में गंगोत्री के शीतकालीन पड़ाव मुखवा गांव के गंगा ग्राम घोषित न होने पर तीर्थ पुरोहितों ने केंद्रीय मंत्री के सम्मुख अपना विरोध दर्ज कराया था।

विधायक गोपाल रावत ने भी उमा भारती से इस बारे में बात की। इसके बाद मुखवा को भी गंगा ग्राम घोषित कर दिया गया। इसकी अधिसूचना की प्रति उत्तरकाशी जिला प्रशासन को प्राप्त हो चुकी है। इसके साथ ही गंगा ग्रामों की संख्या 24 से बढ़कर 25 हो गई है। गंगा ग्राम योजना के अंतर्गत सबसे पहले गांव में ठोस-तरल अवशिष्ट प्रबंधन का कार्य होना है। इसके साथ ही गांव के सौंदर्यीकरण, गांव के आसपास विभिन्न प्रजाति के पौधों का रोपण और गांव में तमाम विकास कार्य होने हैं। इसके अलावा गंगा की स्वच्छ रखने के लिए ग्रामीणों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी।

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