ख्वाजा ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने हाल ही में अफगानिस्तान की यात्रा के दौरान राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात कर उन्हें भी इसी तरह की पेशकश की थी।
आसिफ ने दावा करते हुए कहा कि अगर ट्रंप प्रशासन ने हम पर और दबाव डालने की कोशिश की तो मित्र देश खासतौर पर चीन, रूस, ईरान और तुर्की हमारे पक्ष में खड़े होंगे। अमेरिकी रक्षा और विदेश मंत्री हम पर तानाशाही करते हैं, तो हम इससे इनकार कर देंगे। अब हम वो करेंगे जो हमारे देश के हित में होगा।
अमेरिका और पाकिस्तान के बीच आतंकवाद के मुद्दे पर जारी गतिरोध के बीच विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन इस महीने के आखिर में पाकिस्तान जाने की योजना बना रहे हैं। यूएस और पाकिस्तानी सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्री जिम मैटिस उनके साथ जाएंगे। अमेरिका के ये दोनों प्रतिनिधि पाकिस्तान के पास इस संदेश के साथ जाएंगे कि जिहादियों का समर्थन करना अब बंद करना होगा।
अमेरिका पहले ही पाकिस्तान के व्यवहार से खुश नहीं है। बढ़ते आतंकवाद के कारण 2011 में पाक-अमेरिका संबंध टूटने की कगार पर आ गए थे। तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पाकिस्तान में लादेन को मारने के लिए कमांडो की तैनाती की थी।
वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी पाकिस्तान के बढ़ते आतंक पर आपत्ति जताई और अगस्त में कहा कि हम पाकिस्तान को बिलियन डॉलर्स की मदद कर चुके हैं लेकिन वो उन आतंकियों को घर उपलब्ध करवा रहा है जोकि हमारे दुश्मन हैं। वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने ट्रंप के सभी आरोपों का खंडन कर दिया था।