केदारनाथ यात्रा के लिए बुक कर रहे हैं हेली टिकट तो हो जाएं सावधान,नही तो हो सकते है ये नुकसान

आप केदारनाथ यात्रा के लिए हेली टिकट की आनलाइन बुकिंग करा रहे हैं तो सावधान। बिना पड़ताल किए किसी के झांसे में आकर टिकट बुक कराने पर आप फर्जीवाड़े का शिकार हो सकते हैं।

ऐसा एक मामला टिकट बुकिंग के पहले ही दिन सोमवार को छत्तीसगढ़ के कांकेर में सामने आया। वहां एक व्यक्ति ने हिमालयन हेली सर्विस की वेबसाइट से मिले खाता नंबर में फाटा से केदारनाथ के लिए 23600 रुपये की राशि जमा कर पांच टिकट बुक आनलाइन बुक कराए। लेकिन, कंपनी के दिल्ली स्थित कार्यालय से संपर्क करने पर पता चला कि उक्त खाता फर्जी है।

हेली टिकट की आनलाइन बुकिंग में फर्जीवाड़े के दो दर्जन से अधिक मामले बीते वर्षों में भी सामने आ चुके हैं। इनमें पुलिस ने आधा दर्जन आरोपितों को गिरफ्तार भी किया।

इसके बाद वर्ष 2020 में प्रदेश सरकार ने जीएमवीएन को हेली टिकट बुकिंग की जिम्मेदारी सौंपी, ताकि फर्जीवाड़े पर अंकुश लग सके। लेकिन, यात्रा शुरू होने से पहले ही टिकट के फर्जीवाड़े ने पुलिस-प्रशासन की चिंताएं बढ़ा दी हैं। उधर, पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग आयुष अग्रवाल ने श्रद्धालुओं को आगाह किया है कि वे अधिकृत एजेंसी जीएमवीएन के माध्यम से हेली टिकट बुक कराएं।

केदारनाथ के लिए हेली टिकट बुक कराने के नाम पर ठगी

केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए हेलीकाप्टर का टिकट आनलाइन बुक करने पर एक होटल व्यावसायी ठगी का शिकार हो गया। पीडि़त ने छत्तीसगढ़ के कांकेर जिला पुलिस की साइबर सेल में शिकायत की है। शिकायत के बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। केदारनाथ धाम के लिए हेली टिकटों की सोमवार से बुकिंग शुरू हुई है।

होटल व्यवसायी उदय प्रकाश शर्मा ने रिपोर्ट में बताया गया कि मई में परिवार के साथ प्रस्तावित केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए उन्होंने सोमवार को आनलाइन टिकट सर्च किया। हिमालयन हेलीकाप्टर सर्विस नाम की वेबसाइट पर यात्रा बुकिंग के लिए जैसे ही क्लिक किया तभी दूसरी ओर से काल आ गई।

फोन पर पूरी जानकारी लेने के बाद फोन करने वाले व्यक्ति ने चार सवारियों के टिकट की एवज में 23,600 रुपये भुगतान करने की बात कही। इस पर उन्होंने रकम ट्रांसफर कर दी, लेकिन टिकट नहीं बना। इस पर आरोपितों को मोबाइल नंबर मिलाया तो वह बंद मिला। ठगी का संदेह होने पर उन्होंने गूगल पर उक्त नंबर सर्च किया तो पूरा मामला समझ में आ गया।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com