देहरादून,नीति आयोग के उपाध्यक्ष डा राजीव कुमार ने कहा कि राज्य के विकास के लिए सेक्टरवार प्लान व समग्र प्लान बनाया जाए। जिलों में विकास की प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि फारेस्ट क्लीयरेंस की प्रक्रिया सरल करने की जरूरत है। आयोग इस संबंध में केंद्र सरकार से वार्ता करेगा।
सचिवालय में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में शनिवार को राज्य के आला अधिकारियों के साथ बैठक में नीति आयोग उपाध्यक्ष डा राजीव कुमार ने राज्य के तेजी से विकास के लिए महत्वपूर्ण टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि आयोग राज्य के विकास में अधिक मददगार बनने के लिए संकल्पित है। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य के विकास को रफ्तार देने को हर तीन महीने में राज्य का प्रतिनिधिमंडल नीति आयोग में आकर केंद्र सरकार के स्तर पर विचाराधीन प्रस्ताव एवं बिंदुओं पर चर्चा करे। इससे विभिन्न मंत्रालयों में विचाराधीन प्रस्तावों का समय पर निस्तारण हो सकेगा।
हाथियों व बाघों की क्षमता का हो आकलन
राजीव कुमार ने कहा कि फारेस्ट क्लीयरेंस को लेकर राज्य सरकार अपने सभी सुझाव आयोग को भेजे। राष्ट्रीय पार्कों में हाथियों और बाघों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए इनकी कैरिंग कैपेसिटी का आकलन करने पर भी उन्होंने सहमति जताई। उत्तराखंड में जिलेवार सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) के निर्धारण को उन्होंने अच्छा कदम बताया। जिलेवार विकास के लिए महत्वपूर्ण संकेतकों पर विशेष ध्यान देने के साथ लगातार मानीटरिंग की जाए।
नदियों के पुनर्जीवन पर हो काम आयोग दिलाएगा मदद
उपाध्यक्ष ने कहा कि राज्य में निवेश को आमंत्रित करने को जमीनी स्तर पर प्रक्रियागत सरलीकरण की जरूरत है। निवेशकों को विभिन्न क्षेत्रों में मंजूरी लेनी होती है, उनका सरलीकरण होना चाहिए। राजीव कुमार ने कहा कि राज्य में स्कूली शिक्षा की स्थिति बेहतर है, लेकिन उच्च शिक्षा के लिए अच्छी शिक्षण संस्थाएं कम हैं। इस ओर ध्यान दिया जाना चाहिए। नदियों के पुनर्जीवन पर काफी काम किया जा सकता है। आयोग नमामि गंगे से राज्य को अधिक सहायता दिलाने को प्रयास करेगा।
हर ब्लाक में एक गांव में हो प्राकृतिक खेती
जैविक खेती के साथ प्राकृतिक खेती पर जोर देते हुए उन्होंने प्रत्येक ब्लाक में एक गांव को प्राकृतिक खेती के लिए समर्पित करने का सुझाव भी दिया। उन्होंने कहा कि इससे किसानों की आय को दोगुनी करने में मदद मिल सकती है। कृषि में ज्यादा कीमत की उपजों में औषधीय खेती, मसाले, फूलों की खेती पर बल देना होगा। पर्यटन में अधिक से अधिक स्थानीय संसाधनों का उपयोग किया जाए। इसमें अधिक स्थानीय व्यक्तियों को जोड़ने के लिए सुनियोजित योजना बनाई जानी चाहिए।
औद्योगिक विकास को मिले अतिरिक्त बजट
नीति आयोग उपाध्यक्ष डा राजीव कुमार ने बीजापुर अतिथिगृह में राज्य के उद्यमियों व औद्योगिक संगठनों के पदाधिकारियों के साथ संवाद किया। उद्योपतियों ने राज्य में औद्योगिक विकास व हिमालय क्षेत्र में ढांचागत विकास को अतिरिक्त बजट देने की मांग की। उपाध्यक्ष ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र की समस्याओं के निराकरण पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। एमएसएमइ के माध्यम से युवाओं को रोजगार से जोडऩे एव जगह-जगह छोटे उद्योग स्थापित किए जाने चाहिए।
शिक्षकों के लिए बने ट्रेनिंग सेंटर
डा राजीव कुमार ने उच्च शिक्षा एवं विद्यालयी शिक्षा विभागों के अधिकारियों, विश्वविद्यालयों के कुलपतियों एवं शिक्षा क्षेत्र से जुड़े व्यक्तियों से शिक्षा क्षेत्र की समस्याओं और उनके समाधान पर चर्चा की। राज्य में महिला शिक्षा को बढ़ावा देने व छात्रों को गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए शिक्षकों के लिए ट्रेनिंग सेंटर खोलने की पैरवी उन्होंने की। उन्होंने कहा कि प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा में छात्रों के कौशल विकास व संवाद क्षमता पर काम किया जाना चाहिए। शिक्षा के साथ छात्रों को पर्यावरण एवं प्रकृति से जोडऩे की आवश्यकता है।
त्रिस्तरीय पंचायत योजना माडल प्लान का विमोचन
नीति आयोग उपाध्यक्ष ने सचिवालय में नियोजन विभाग के सेंटर फार पब्लिक पालिसी एंड गुड गवर्नेंस प्रकोष्ठ की ओर से विकसित एसडीजी राज्य व जिला संकेतक फ्रेमवर्क, एसडीजी मासिक अनुश्रवण टूल से संबंधित पोस्टर व त्रिस्तरीय पंचायत योजना माडल प्लान का विमोचन किया। उन्होंने कृषि क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों और संगठनों के पदाधिकारियों से राज्य में कृषि विकास की संभावनाओं, समस्याओं पर चर्चा की।
उत्तराखंड में उद्योग विकास योजना को दो वर्ष बढ़ाए केंद्र
प्रदेश के विभिन्न औद्योगिक संगठनों ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष डा. राजीव कुमार के साथ बैठक में विभिन्न विकास के मुद्दों को उठाया। राज्य में इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट स्कीम (आइडीएस) को अगले दो के लिए बढ़ाने का भी आग्रह किया।
लघु उद्योग भारती उत्तराखंड के प्रांतीय महामंत्री विजय सिंह तोमर ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष को बताया कि उत्तराखंड आइडीएस योजना का सही प्रकार से लाभ प्राप्त नहीं कर पाया है। राज्य ग्रीन बोनस का भी हकदार है। पर्यटन उद्योग व व्यवसाय कोरोना के कारण बुरी तरह से प्रभावित है। इसके उत्थान के लिए विशेष केंद्रीय सहायता की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण कानूनों पर केंद्रीय स्तर से एक रिव्यू कमेटी गठित की जाए। कमेटी मेंकेंद्र, राज्य सरकार व औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जा सकता है। राज्य में प्रवासी मंत्रालय की भी आवश्यकता है, ताकि विदेशों में बसे प्रवासी उत्तराखंडी राज्य में निवेश कर सकें।