कृषि बिलों को रद्द करने की मांग पर अड़े किसानों ने सरकार के बाद कॉरपोरेट्स के खिलाफ भी लामबंदी तेज कर दी है। सैकड़ों की संख्या में किसानों ने मोबाइल सिम को पोर्ट करवाना शुरू कर दिया है ताकि किसानों के पैसे उनके पास नहीं पहुंच सकें। हरियाणा-पंजाब के हजारों किसानों ने इसकी शुरुआत कर दी है। सरकार से वार्ताओं के विफल होने के बाद किसान कॉरपोरेट्स पर भी निशाना साधने लगे हैं।
भारतीय किसान यूनियन, हरियाणा के प्रधान गुरनाम सिंह चढ़ूणी ने कहा कि अब तक लाखों सिम पोर्ट करवाए जा चुके हैं। उन्होंने टोल फ्री किए जाने को भी कॉरपोरेट्स का विरोध बताते हुए कहा कि लाखों सिम वापसी से किसानों का पैसा चुनिंदा कंपनियों के पास नहीं पहुंच सकेगा।
कृषि कानूनों पर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले ही कृषि कानूनों को कॉरपोरेट्स को फायदा पहुंचाने के लिए बनाया गया है, इसलिए किसानों ने सिम पोर्ट करवाना शुरू कर दिया है।
भाकियू के ओंकार सिंह ने कहा कि मोबाइल नंबर पोर्ट करवाने की शुरुआत हो चुकी है। किसान इसमें बढ़ चढ़कर शामिल हो रहे हैं। लाखों की संख्या में ऑनलाइन आवेदन किए जा रहे हैं ताकि कॉरपोरेट विशेष को बढ़ावा देने की कोशिशों पर रोक लग सके।
शांतिपूर्ण तरीके से किसान सरकार और कॉरपोरेट्स के खिलाफ विरोध जताएंगे, क्योंकि कृषि कानूनों से उन्हें ही फायदा पहुंचाने की कोशिश की गई है।