नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में सैन्यकर्मियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर राजनीति तेज होती नजर आ रही है. शोपियां में सेना के जवानों की कथित गोलीबारी में दो युवकों की मौत हो गई थी. एक मेजर और अन्य सैन्यकर्मियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर बीजेपी सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.
स्वामी ने कहा कि आखिर ये क्या बेवकूफी है? इस सरकार को बर्खास्त करो. महबूबा मुफ्ती से कहा जाए कि वो एफआईआर वापस लें अन्यथा उनकी सरकार को गिरा दिया जाएगा. स्वामी ने आगे कहा कि आखिर क्यों हम ये सरकार चला रहे हैं? मैं आज तक इसे समझ नहीं सका हूं.
बीजेपी के ही एक और राज्यसभा सांसद विनय कटियार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग आतंकियों के साथ काम नहीं करना चाहते हैं. हम तो ये भी नहीं जानते कि शोपियां में जो मारे गए हैं वे आम नागरिक थे या आतंकी. वहां हर रोज आतंकी घटनाएं हो रही हैं.
इस मामले को बीजेपी के एक विधायक ने सोमवार को विधानसभा में उठाया था और दर्ज एफआईआर को वापस लेने की मांग की थी क्योंकि मजिस्ट्रेट जांच के पहले ही आदेश दिए जा चुके हैं.
जम्मू-कश्मीर प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता वीरेंद्र गुप्ता ने एक बयान में राज्य सरकार द्वारा हत्या और हत्या की कोशिश के आरोप में एक मेजर और अन्य सैन्य कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने को ‘दुर्भाग्यपूर्ण और खराब’ करार दिया जबकि पथराव करने वालों के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज करने या जांच के आदेश नहीं दिए गए हैं.
What's this nonsense? Dismiss that govt. Tell Mehbooba(Mufti) to withdraw the FIR else her govt would be toppled. Why are we even running that govt? I haven't understood that till date: Subramanian Swamy on FIR against the Army over killing of 2 civilians in Shopian #JammuKashmir pic.twitter.com/fPosUvLZeN
— ANI (@ANI) January 30, 2018
गुप्ता ने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहिए जिससे सेना हतोत्साहित होती हो जो घाटी में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से लड़ रही है और राज्य में शांति तथा सामान्य हालत बहाल करने के लिए कई कठिनाइयों का सामना करती है और राष्ट्र की अखंडता को बचाती है. बीजेपी नेता कहा कि शोपियां में पथराव करने वालों ने इस तरह के हालात बना दिए थे कि सेना को आत्मरक्षा में गोली चलानी पड़ी.
महबूबा के तेवर कड़े, कहा- निष्कर्ष तक लेकर जाएंगे
जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इसपर कहा कि शोपियां में गोलीबारी में शामिल सेना की एक यूनिट के खिलाफ पुलिस की प्राथमिकी को तार्किक अंत तक ले जाया जाएगा जिसमें दो नागरिकों की मौत हो गई थी. महबूबा ने ऐसा कहकर अपनी सहयोगी पार्टी बीजेपी को झटका दिया है जिसने हत्या का मामला वापस लेने की मांग की थी.
महबूबा मुफ्ती ने विधानसभा में यह बात हंगामे के बीच पुलिस कार्रवाई का बचाव करते हुए कही. महबूबा ने गोलीबारी की घटना और बीजेपी विधायक आर एस पठानिया की प्राथमिकी तत्काल वापस लेने की मांग को लेकर विधानसभा में हंगामे के बीच यह बात कही. पठानिया ने यद्यपि कहा कि उनकी पार्टी मजिस्ट्रेट जांच का समर्थन करती है ताकि कानून अपना काम कर सके.
अधिकारियों ने बताया कि प्राथमिकी सेना की गढ़वाल यूनिट के खिलाफ रनबीर दंड संहिता की धारा 302 और 307 के तहत दर्ज की गई है. प्राथमिकी में सेना के एक मेजर का भी उल्लेख है जिसने शनिवार को घटना के समय सैन्य कर्मियों का नेतृत्व किया था. शोपियां के गनोवपोरा गांव में पथराव कर रही भीड़ पर सैन्य कर्मियों की गोलीबारी में दो नागरिक मारे गए थे. इस घटना के बाद मुख्यमंत्री ने घटना की जांच का आदेश दे दिया था.
सीतारमण से महबूबा ने की बात
जम्मू कश्मीर पुलिस प्रमुख एस पी वैद ने कहा कि शोपियां मामले में प्राथमिकी दर्ज करना जांच की शुरूआत है और सेना के पक्ष पर भी गौर किया जाएगा. मुफ्ती ने कहा कि वह नहीं मानतीं कि पुलिस की कार्रवाई से सेना का मनोबल कम होगा. महबूबा ने घटना को राजनीतिक प्रक्रिया के लिए एक ‘झटका’ बताते हुए कहा कि उन्होंने इसके बारे में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से बात की है जिन्होंने मामले में जरूरी कार्रवाई करने को कहा है.