कर्नाटक के हसनपुर जिले में स्थित डोड्डागडावल्ली मंदिर (Doddagaddavalli Temple) में बीते शुक्रवार को होयसल काल में बनी महाकाली की प्रतिमा को खंडित किए जाने का मामला सामने आया है। यह मंदिर होयसल वंश ने 12वीं शताब्दी में बनवाया था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) इसकी देखरेख करता है।

बताया जा रहा है कि, यह मामला शुक्रवार की सुबह संज्ञान में आया जब स्थानीय लोग मंदिर पहुँचे और उन्होंने देवी की मूर्ति खंडित पाई। आशंका जताई जा रही है कि उपद्रवी मंदिर में छिपे खजाने की खोज में आए होंगे और सुरक्षा की कमी का लाभ उठाते हुए प्रतिमा तोड़ डाली। बेंगलुरु सर्कल के पुरातत्वविद अधीक्षक शिवकांत बाजपेई ने मीडिया को बताया कि, “मैंने हसन एसपी आर श्रीनिवास गोड़ा से घटना के संबंध में बात की है और जिसने भी यह किया है हम उसके ख़िलाफ़ निश्चित तौर पर कार्रवाई करेंगे।”
आपको बता दें कि महाकाली की प्रतिमा को हुए नुकसान के लिए ASI को भी जिम्मेदार बताया जा रहा है। प्राचीन इतिहास और पुरातत्व विशेषज्ञ, डॉ. शाल्वपिल अयंगर (Dr Shalvapille Iyengar) ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि, “डोड्डागडावल्ली चतुशकुता मंदिर की भद्रकाली या दक्षिणा काली की मूर्ति को उपद्रवियों द्वारा खंडित कर दिया गया है। यह हमारी विरासत को बड़ा नुकसान है। इस मंदिर का निर्माण 1113 ई0 में होयसल वंश के विष्णुवर्धन ने करवाया था। यह महालक्ष्मी का एक अनूठा मंदिर है और इसी मंदिर के दक्षिण गर्भगृह में भद्रकाली की प्रतिमा रखी गई है।”
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