छपरा डाकघर के कर्मचारी परेशान होकर घूम रहे हैं। इतनी बड़ी अमान्य रकम को कोई भी बैंक लेने को तैयार नहीं है।
नोटबंदी के बाद अमान्य नोटों को लेकर आम लोगों की परेशानी को तो पूरे देश ने देखा लेकिन बिहार के छपरा में इन दिनों एक अरब के अमान्य कैश को लेकर डाकघर के आधिकारी परेशान हैं। दरअसल एसबीआई ने इस अमान्य कैश को चेस्ट में लेने से इनकार कर दिया है और मुख्य डाकपाल एक अरब का अमान्य कैश लेकर बैंक के चक्कर काट रहे है। छपरा के मुख्य डाकघर में शायद इतनी रकम कभी नहीं आई होगी। नोटबंदी के बाद ग्राहकों ने यहां छप्पर फाड़कर अमान्य नोट जमा किये और यह रकम एक अरब का आंकड़ा पार कर गया।
अब हालत यह है कि डाकघर में इस अमान्य कैश के साथ ही मान्य कैश को भी रखने की जगह नहीं है। परेशान डाकपाल ने इस कैश को एसबीआई के चेस्ट में जमा करने की कई कोशिशें की लेकिन एसबीआई ने एक अरब के इस अमान्य रकम को जमा करने में हाथ खड़े कर लिए। उधर एसबीआई ने पैसे जमा करने से इन्कार के पीछे डाकघर की लेटलतीफी को ही कारण बताया है। क्षेत्रीय प्रबंधक आर एन चौधरी ने बताया कि ऐसे रकम के लिए आरबीआई ने पांच दिसबंर से तेरह दिसंबर तक एक स्कीम के तहत कैश जमा करने का निर्देश वित्तिय संस्थानों को दिया था।
लेकिन डाकघर के अधिकारी इस दौरान सोये रहे और अब एक अरब रकम एकत्र होने पर जमा करने का दबाव बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले में वे स्वयं आरबीआई के संपर्क में है। बहरहाल एसबीआई ने इस मामले में नियम का हवाला देकर डाकघर की मुश्किलें जरुर बढ़ा दी है ऐसे में डाकघर के लिए आरबीआई के निर्देश ही मददगार साबित हो सकते हैं जिसका डाकघर के अधिकारी इंतजार कर रहे हैं।