देश में पैसों की किल्लत और बैंको में होने वाली धांधली को कम करने के लिहाज से अब मोदी की मशीन तैयार हो गयी है। इस मशीन के आने से लोगों को बैंक तक जाने की जहमत नहीं उठानी होगी। लोग अपने बैंकिंग संबंधी 90 फीसदी काम इस मशीन से आसानी से निपटा पाएंगे।
मोदी की मशीन
यह मशीन देखने में हूबहू एटीएम मशीन की तरह ही होगी। लेकिन ये आईटीएम मशीन है यानी ‘इंटरेक्टिव टेलर मशीन’।
फिलहाल गुड़गांव के इंडसइंड बैंक में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ऐसी एक आईटीएम मशीन लगाई गई है।
आईटीएम टेली सर्विस ब्रांच ट्रांजेक्शन तकनीक पर काम करती है। इसके तहत कॉल सेंटर में बैठा बैंकर आपको सभी तरह की बैंकिंग सेवाएं आईटीएम के जरिए मुहैया कराता है।
आईटीएम में फोन का एक हैंडल लगा रहता है। जब आप लेन-देन करते हैं तो स्क्रीन पर वीडियो कॉलिंग के जरिए कॉल सेंटर में बैठा बैंकर आपको निर्देश देगा। ऐसे आप आईटीएम से सभी तरह की सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।
ये तो रही फायदे की बात, लेकिन हर बदलाव बलिदान मांगता है। ऐसे में लोगों का मानना है कि जहां एक तरफ यह मशीन लोगों में पैदा हो रही समस्या का अच्छा विकल्प साबित होगी। वहीं, दूसरी ओर इस मशीन के आ जाने से बैंक कर्मचारियों की संख्या में काफी कमी भी आ सकती है।
मतलब ये है कि यदि 90 फीसदी बैंक का काम ये मशीन ही निपटा देगी तो निकलने वाली बैंक वेकेंसी अब शायद उस तादात में न हो जिसकी उम्मीद जताई जाती रही है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस मशीन को जारी कराने के लिए अपनी स्वीकृति दे दी है। यह मशीन विदेशों में काफी समय पहले से इस्तेमाल में है।