उत्तरकाशी: मां यमुना के शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली (खुशीमठ) में कार्तिक शुक्ल नवमी को स्थानीय भक्त भगवान राम को 56 व्यंजनों का भोग लगाते हैं। यह भोग कार्तिक-मंगशीर (मार्गशीर्ष) में आयोजित होने वाली रामलीला के दौरान लगाया जाता है। यह 56 भोग ही खरसाली का सबसे बड़ा आकर्षण है।
लोक मान्यताओं में देवी यमुना को भगवान कृष्ण की पटरानी माना गया है। श्रीकृष्ण और श्रीराम भगवान विष्णु के अवतार थे। चैत्र शुक्ल षष्ठी को देवी यमुना का जन्मदिन मनाया जाता है। इस दिन मंदिर समिति की ओर से मां यमुना, भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को भगवान कृष्ण और खरसाली में आयोजित होने वाली रामलीला के दौरान कार्तिक शुक्ल नवमी को भगवान राम को 56 व्यंजनों का भोग लगाया जाता है। यह परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है।
यमुनोत्री मंदिर समिति के पूर्व उपाध्यक्ष पवन उनियाल बताते हैं कि श्री रामलीला समिति की ओर से खरसाली में रामलीला की 52वां आयोजन हो रहा है। रामलीला का मंचन 17 नवंबर तक चलेगा। बताया कि इस दौरान श्रीराम जन्मोत्सव के मौके पर भगवान राम को खरसाली के तीर्थ पुरोहित परिवार की प्रतिमा देवी पत्नी प्यारेलाल उनियाल ने मंगलवार को 56 व्यंजनों का भोग लगाया। इस परिवार को तीसरी बार यह सौभाग्य मिला। बताया कि रामलीला में सीता स्वयंवर के मौके पर स्थानीय लोगों की ओर से रासौं व तांदी नृत्य प्रस्तुतियां भी दी जाती हैं।
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