उत्तराखंड में इस बार सर्दी ज्यादा दिनों तक झेलनी होगी। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि सर्दी के दिनों में 20 से 30 दिनों तक का इजाफा हो सकता है। इसका असर उत्तराखंड समेत पूरे हिमालयी क्षेत्र में दिखेगा। इस बार अन्य सालों की तुलना में कड़ाके की ठंड पड़ने की भी संभावना है। आर्य भट्ट प्रेक्षण विज्ञान एवं शोध संस्थान (एरीज) के मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, सामान्य तौर पर साल में ठंड के हिस्से 90 से सौ दिन आते हैं।
लेकिन इस बार यह संख्या 120 से 125 हो सकती है। बीते दिनों हुई अत्यधिक बारिश का असर सर्दियों पर पड़ रहा है। वैज्ञानिकों के अनुसार 15 दिसंबर के बाद पारा तेजी से नीचे जाएगा। साथ ही सर्दियां अगले वर्ष 15 मार्च तक रहने का अनुमान है। एरीज में वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. नरेंद्र सिंह ने कहा, इस वर्ष 20 से 25 दिन अधिक ठंड रहने का अनुमान है।
बढ़ रहा न्यूनतम तापमान
मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो पिछले कुछ वर्षों से पश्चिमी विक्षोभ के चलते ठंड में न्यूनतम तापमान लगातार बढ़ा है। यही कारण है कि ठंडे इलाकों में भी शून्य डिग्री तापमान मुश्किल से पहुंचता है। हालांकि,इस बार लगातार बारिश के चलते यह संभावनाएं बढ़ गई हैं।
प्रदूषण बढ़ने पर असर कम
वायुमंडल में प्रदूषण की गति तेज होने पर ठंड का असर कम होगा। हवा प्रदूषित होने पर तापमान में भी इसका असर देखा जाता है। हालांकि, वैज्ञानिक कयास लगा रहे हैं कि प्रदूषण की गति इतनी भी तेज नहीं होगी कि शीतकाल को प्रभावित किया जा सके।