देहरादून: योगगुरु बाबा रामदेव ने अनुयायिओं के साथ दस किलोमीटर पदयात्रा कर राष्ट्रीय एकता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। बाबा ने कहा कि, संत समाज सिर्फ धर्म-कर्म पर ही चर्चा नहीं करता, बल्कि प्रकृति व उससे जुड़े पहलुओं पर संजीदा रहता है। योगगुरु शनिवार को पछवादून स्थित साधना केंद्र आश्रम डुमेट में आयोजित संत समागम में शिरकत करने पहुंचे। वह लांघा रोड से आश्रम तक करीब दस किलोमीटर अनुयायिओं के साथ पैदल चले। यहां उन्होंने आश्रम के स्वामी चंद्रास्वामी उदासीन महाराज से मुलाकात की और उसके बाद संत समागम में हिस्सा लिया। हालांकि, संत समागम में हुए मंथन को सार्वजनिक नहीं किया गया। 
इस अवसर पर मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में योगगुरु ने बताया कि समागम में योग के साथ ही धर्म-कर्म पर चर्चा की जाएगी। उनका कहना था कि बंसत के आगमन पर प्रकृति ने अपना श्रृंगार किया है, इसे अधिक सुंदर बनाए रखने के लिए सभी को मिलजुल कर प्रयास करने होंगे। कहा, संत समाज सिर्फ धर्म-कर्म पर ही चर्चा नहीं कराता, बल्कि प्रकृति व उससे जुड़े प्रत्येक पहलू पर परिचर्चा होती है। ताकि, प्रकृति की सुंदरता के साथ ही धरती पर जीवन का अस्तित्व बना रहे। राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए लोगों को प्रेरित करना भी संत समाज का दायित्व है।
इसीलिए पर्यावरण के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से उन्होंने आज पदयात्रा की। बाबा रामदेव ने कहा कि हर व्यक्ति घर से कुछ दूरी पर जाने के लिए वाहनों का उपयोग कर रहा है। इससे पर्यावरण प्रदूषित होने के साथ ही ईंधन भी खर्च होता है। ऐसे में पर्यावरण की रक्षा करना प्रत्येक व्यक्ति का नैतिक दायित्व हो गया है। पदयात्रा में डुमेट आश्रम के संत स्वामी प्रेम विवेकानंद, नवीन ठाकुर भी शामिल रहे।
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