पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत की स्वतंत्र विदेश नीति की एक बार फिर प्रशंसा की है और रूस से सस्ता तेल खरीदने के कारण अमेरिका की ओर से बढ़ाए गए निरंतर दबाव के बावजूद विदेश मंत्री एस जयशंकर के अपने रुख पर कायम रहने की सराहना की है। पाकिस्तान की सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद इमरान खान कई बार भारत की विदेश नीति की प्रशंसा कर चुके हैं। भारत की नीति का जिक्र करते हुए इमरान खान कई मौकों पर पाकिस्तान की शहबाज सरकार को घेरते भी नजर आए हैं।
पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर शनिवार को यहां एक रैली को संबोधित करते हुए खान ने कहा, भारत ने रूस से तेल खरीदा क्योंकि यह उसके लोगों के हित में था। हालांकि, शहबाज शरीफ नीत मौजूदा सरकार का कहना है कि पाकिस्तान वाशिंगटन के समर्थन के बिना जीवित नहीं रह सकता। खान ने रैली में कहा, अगर पाकिस्तान के साथ-साथ आज़ादी पाने वाला भारत अपने लोगों की ज़रूरत के हिसाब से एक कड़ा रुख अपना सकता है और अपनी विदेश नीति बना सकता है तो वह (प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ सरकार) कौन हैं जो लाइन खींचने में लगे हैं।
नवाज शरीफ को पाकिस्तान लाने की कोशिशें
इसके अलावा पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान ने दावा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अगले महीने लंदन से स्वदेश लाने की कोशिशें चल रही हैं। खान ने शनिवार रात लाहौर में नेशनल हॉकी स्टेडियम में पार्टी की रैली के दौरान परोक्ष रूप से सेना का जिक्र करते हुए कहा, पीएमएल-एन के प्रमुख नवाज शरीफ को अगले महीने लंदन से वापस लाने का मार्ग प्रशस्त करने के मकसद से एक षड़यंत्र के तहत मुझे अपदस्थ किया गया।’
अक्टूबर में आम चुनाव की तैयारी
खबरों के मुताबिक, पाकिस्तान का निर्वाचन आयोग तय समय से एक साल पहले अक्टूबर तक आम चुनाव कराने की तैयारी कर रहा है। अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि योजना के अनुसार नवाज को सितंबर के अंत तक पाकिस्तान लाया जाएगा। नवाज नवंबर 2019 से इलाज के लिए लंदन में रह रहे हैं जबकि उच्च न्यायालय ने उन्हें चार सप्ताह की राहत दी थी। नवाज लंदन जाने से पहले अल-अजीजिया भ्रष्टाचार मामले में लाहौर की कोट लखपत जेल में सात साल कैद की सजा काट रहे थे।