डॉनल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति नहीं बनना चाहते थे और फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रंप को जब हैरान करने वाली चुनावी जीत का पता चला तो वह खुश नहीं थी बल्कि रोने लगी थीं। अमेरिका के एक पत्रकार की नई किताब में यह खुलासा किया गया है। माइकल वॉल्फ द्वारा लिखी गई फायर ऐंड फर : इनसाइड द ट्रंप वाइट हाउस किताब में दावा किया गया है कि ट्रंप का अंतिम लक्ष्य कभी भी जीतना नहीं था।
किताब के अंशों के अनुसार, ‘उनके लंबे समय से दोस्त रहे फॉक्स न्यूज के पूर्व प्रमुख रॉजर ऐलिस कहना चाहते थे कि अगर तुम टेलिविजन में करियर बनाना चाहते हो तो सबसे पहले राष्ट्रपति पद के लिए खड़े हों।’ इस किताब के अंश न्यू यॉर्क पत्रिका में डॉनल्ड ट्रंप राष्ट्रपति नहीं बनना चाहते थे शीर्षक से प्रकाशित हुए हैं जिसके बाद वाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने इन्हें खारिज किया है।
सारा ने कहा, ‘असल में एक छोटी सी बातचीत हुई थी जिसका किताब से कोई लेना देना नहीं है। मुझे लगता है कि राष्ट्रपति के कार्यभार संभालने के बाद से करीब पांच से सात मिनट यह बातचीत हुई थी और उनके साथ केवल इतनी ही बातचीत हुई थी।’
किताब में कहा गया है, ‘जूनियर ट्रंप ने अपने एक दोस्त को बताया था कि चुनावी रात को 8 बजे के बाद जब अप्रत्याशित रुझानों ने ट्रंप की जीत की पुष्टि कर दी तो कि उसके पिता ऐसे लग रहे थे जैसे उन्होंने भूत देख लिया है। मेलानिया खुश होने की बजाय रो रही थीं।’
न्यू यॉर्क मैगजीन के अनुसार चुनाव के दिन से बीते अक्टूबर तक वॉल्फ ने 18 महीने तक राष्ट्रपति और उनके वरिष्ठ कर्मचारियों से बातचीत की और उनका साक्षात्कार लिया। वॉल्फ ने कहा, ‘वाइट हाउस में ट्रंप के खुद के व्यवहार ने इतनी अराजकता और अव्यवस्था फैलाई जितनी किसी और चीज ने नहीं।’ वाइट हाउस ने इस किताब की सामग्री को खारिज किया है। यह किताब अगले हफ्ते से दुकानों पर उपलब्ध होगी।
सैंडर्स ने कहा, यह किताब झूठ से भरी है और इसमें उन लोगों के हवाले से भ्रामक तथ्य रखे गए हैं जिनकी वाइट हाउस तक कोई पहुंच नहीं है। उन्होंने अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘लेखक को इस किताब के लिए वाइट हाउस तक कोई पहुंच नहीं मिली। वास्तव में वह कभी राष्ट्रपति के साथ नहीं बैठे।’