आर्मी के जवानों को जल्द ही मॉडर्न हैलमेट मिलने वाला है। इसके लिए सरकार ने कानपुर की कंपनी से 170 करोड़ की डील कर ली है।
इसके तहत 1.58 लाख हैलमेट बनाने का काम शुरू हो चुका है। बीते 20 साल में पहली बार आर्मी ने इतनी बड़ी तादाद में हैलमेट बनने का ऑर्डर दिया है। खास बात ये है कि नया हैलमेट करीब से दागी गई 9 एमएम की गोली से सुरक्षा करने में कारगर होगा।
खबर के मुताबिक, नया हैलमेट कानपुर की एमकेयू इंडस्ट्रीज बना रही है। कंपनी का बुलेटप्रूफ जैकेट और हैलमेट बनाने में काफी नाम है। यहां से दुनियाभर में में एक्सपोर्ट भी किया जाता है। हैलमेट का प्रोडक्शन शुरू हो चुका है। 3 साल में जवानों को ये मिल जाएगा। हैलमेट को इस तरह बनाया जा रहा है कि ये पास से दागी गई 9 एमएम की गोली को रोकने में कारगर साबित होगा।
हैलमेट को दुनिया की बेहतरीन आर्म्ड फोर्सेस के पैरामीटर के लिहाज से ही तैयार किया जा रहा है। ये न कंफर्टेबल होगा बल्कि इसमें कम्युनिकेशन डिवाइस भी लगी होंगी।
इंडियन आर्मी की इलीट पैरा स्पेशल फोर्सेस को 10 साल पहले इजरायली OR-201 हैलमेट दिया गया था। ये काफी हल्का होता है। साथ ही ज्यादा सुरक्षा भी देता है। वहीं, बाकी जवानों को जो हैलमेट दिया जाता है वह थोड़ा भारी होता है। इसके चलते ऑपरेशन के दौरान उसे पहनने में मुश्किल होती है। इसके बजाय जवान किसी ऑपरेशन को अंजाम देते वक्त माथे और सिर के पिछले हिस्से में बुलेटप्रूफ ‘पटका’ पहनते हैं। इसका वजन 2.5 किलो से ज्यादा तक होता है।
पिछले साल मार्च में सरकार ने 50 हजार बुलेटप्रूफ जैकेट के लिए टाटा एडवांस्ड मटेरियल लि. से इमरजेंसी कॉन्ट्रैक्ट पर साइन किए थे। इस जैकेट को मिलने में भी 10 साल की देरी हो गई थी। आर्मी की इस पूरी कवायद का मकसद जंग के मैदान में ज्यादा से ज्यादा जवानों को दुश्मन की गोलियों से महफूज रखना है।
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