बुलंदशहर. यूपी के बुलदंशहर जिले के स्याना निवासी ब्रह्मपाल सिंह (35) जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए। उनके शहीद होने की सूचना भाई ओमप्रकाश को सेना के सूबेदार श्याम सिंह ने मंगलवार सुबह फोन से दी। हालांकि, अभी तक यह जानकारी शहीद की मां और पत्नी को नहीं दी गई है। 
मां बीमार है इसलिए भाई ने छुपा रखी है शहीद होने की बात…
– जानकारी के अनुसार, ब्रह्मपाल सिंह के पिता सुखपाल सिंह भी फौज में थे और सूबेदार के पद से रिटायर्ड हुए थे। साल 2013 में उनकी मौत हो गई। मां इस समय बीमार है।
– ब्रह्मपाल के शहीद होने की सूचना अभी मां बलबीरी देवी को नहीं दी गई है। भाई ओमप्रकाश का कहना है कि यदि मां को इस बारे में बता दिया तो उनकी तबियत और अधिक खराब हो सकती है। इसलिए पार्थिव शरीर आने का इंतजार किया जा रहा है। उसका पार्थिव शरीर मंगलवार की देर रात या बुधवार की सुबह गांव में पहुंचेगा।
– शहीद की पत्नी संगीता से भी उसके पति के शहीद होने की बात अभी तक नहीं बताई गई है।
– ब्रह्मपाल सिंह अपने पीछे दो बेटी और एक बेटा छोड़ गए हैं। बड़ी बेटी करीब 9 साल की है जबकि सबसे छोटा बेटा आशू पांच साल का है।
सोमवार को हुई थी मुठभेड़
– भाई ओमप्रकाश ने कहा, ”मुझे बताया गया कि सोमवार को पुलवामा जिले में आतंकवादियों के साथ सेना के जवानों की मुठभेड़ हुई जिसमें ब्रह्मपाल शहीद हो गए।”
– ”वे 2003 में सेना में भर्ती हुए थे। उनकी पहली पोस्टिंग जम्मू कश्मीर में हुई थी। उसके बाद वह अन्य स्थानों पर भी तैनात रहे।”
– ”करीब 3 महीने पहले ब्रह्मपाल सिंह छुट्टी पर गांव आए थे। उसके बाद वह वापस ड्यूटी पर चले गए थे। इस समय वह 22 राजपुताना राइफल्स में तैनात थे।”
– ओमप्रकाश ने कहा, ”हमें गर्व है कि मेरे भाई ने देश के लिए अपने जान न्यौछावर किया है। हालांकि, परिवार के लिए यह दुखद है। इस सदमे से उबरने में समय लगेगा। लेकिन गर्व है कि भाई के प्राण देश के लिए काम आया।”
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