बीते साल मिस्र में इसी तरह से हमलों में 100 से अधिक ईसाइयों की मौत हुई थी। इनमें से अधिकतर हमलों की ज़िम्मेदारी कथित इस्लामिक स्टेट की स्थानीय शाखा ने ली थी। हमलों के बाद सुरक्षाबलों ने राजधानी में कई जगहों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है।
इसी सप्ताह सुरक्षाबलों ने घोषणा की थी कि नए साल और सात जनवरी को कॉप्टिक क्रिसमक के मद्देनज़र वो शहर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था लागू करेंगे। उन्होंने शहर में रैपिड रिएक्शन फोर्सेस और गैजेट के सिग्नल जैम करने के लिए ख़ास उपकरण लगाने की भी घोषणा की थी।
गृह मंत्रालय के जारी बयान के अनुसार शुक्रवार को बंदूकधारी ने घरेलू सामान की एक दुकान पर हमला किया जिसके बाद वो चर्च की तरफ बढ़ गया। यहां उसने चर्च की सुरक्षा व्यवस्था तोड़कर भीतर घुसने की कोशिश की।
मंत्रालय के अनुसार, “सुरक्षाबलों ने बंदूकधारी का सामना किया और उसे गिरफ्तार करने में कामयाब हुए, लेकिन इस दौरान बंदूकधारी ने गोलियां चलानी शुरू कर दीं जिससे एक सहायक पुलिसकर्मी सहित सात लोगों की मौत हो गई और चार लोग घायल हो गए।”
बयान में कहा गया है, “हमलावर के पास एक विस्फोटक डिवाइस और एक मशीन गन भी थी।” हमले के बाद राष्ट्रपति अब्दुल फतेह अल सीसी ने हताहतों के परिजनों के लिए अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं और “देश को चरमपंथ और अतिवाद से मुक्त करने” का प्रण लिया है।
मिस्र मुस्लिम बहुल देश है जहां ईसाई अल्पसंख्यक हैं और इनमें से अधिकतर कॉप्टिक ऑर्थोडॉक्स चर्च के सदस्य हैं. देश की जनसंख्या में लगभग 10 फीसदी ईसाई हैं।