जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में ड्रोन मिलने से सुरक्षा एजेंसियों में अफरा-तफरी के हालात हैं। जेएनयू के यमुना हॉस्टल के पास यह कैमरायुक्त ड्रोन मिला है। इसके कैमरे से पुलिस को काफी वीडियो फिल्म मिली है।
वसंत कुंज (नॉर्थ) थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हालांकि मंगलवार शाम तक यह पता नहीं लगा था कि ड्रोन किसका है? उसका इस्तेमाल करने वाले कौन थे और किस उद्देश ये ड्रोन उड़ाया जा रहा था? इसे जेएनयू की सुरक्षा में भी सेंध माना जा रहा है।
दक्षिण-पश्चिमी जिला डीसीपी मिलिंद डुंबेरे के अनुसार, जेएनयू में यमुना हॉस्टल के पास सोमवार शाम मिले ड्रोन को चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर नवीन यादव ने पुलिस को सौंपा था। नवीन यादव ने वसंत कुज पुलिस को शिकायत भी दी। ड्रोन के कमरे में एक मेमोरी कार्ड था। इसमें पांच वीडियो हैं।
एक वीडियो करीब एक मिनट और बाकी कुछ सेकंड के हैं। डीसीपी मिलिंद डुंबेरे का कहना है कि वीडियो का विश्लेषण किया जा रहा है कि वह किस उद्देश्य से व क्यों बनाए गए। कैमरे से पता चला है कि ड्रोन को एक लड़का व लड़की उड़ा रहे हैं। पुलिस उनकी पहचान करने में लगी थी। पुलिस ने आदेश का उल्लंघन करने पर सीआरपीसी की धारा 188 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
गौरतलब है कि दिल्ली में ड्रोन उड़ाने पर पूरी तरह प्रतिबंध हैं। कोई उड़ाता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ आदेश का उल्लंघन करने पर सीआरपीसी की धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया जाता है। जेएनयू में ड्रोन मिलने पर यहां की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। एयरपोर्ट भी यहां से पास में है। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह एक पायलट ने ड्रोन उड़ने की सूचना आईजीआई एयरपोर्ट के अधिकारियों को दी थी। इस कारण कुछ देर उड़ानें भी प्रभावित रही थीं।
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