अभी अभीः डॉक्टर हाथी के बाद हुआ इस महापुरुष का निधन, पीएम से लेकर राष्ट्रपति तक शोक में डूबे

बॉलीवुड की इकलौती ऐसी एक्ट्रेस श्रीदेवी जिन्हे सुपरस्टार का दर्जा दिया गया हैं जैसे के सभी को मालूम हैं की शनिवार की रात को उनका निधन हो गया था और करीब दो दिन बाद पार्थिव शरीर मंगलवार दुबई से देर रात मुंबई पहुंचा ।अब खबरों के मुताबिक बतया जा रहा हैं की दोपहर करीब 3.30 बजे विले पार्ले के पवन हंस श्मशान गृह में अंतिम संस्कार किया जाएगा ।बता दे की मंगलवार की रत को श्रीदेवी के पार्थिव शरीर को उनके लोखंडवाला स्थि‍त घर ग्रीन एकर्स में रखा गया है।इनके अंतिम दरशन सेलिब्रेशन क्लब में दोपहर 12.30 बजे तक अंतिम दर्शन किए जा सकेंगे ।इसी बीच खबर आ रही है कि कांची पीठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती का निधन हो गया है।

शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती का निधन
जी हाँ ,बुधवार को कांचीपुरम मठ के 82 वर्षीय शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती का निधन हो गया खबरों के मुताबिक़ बताया जा रहा हैं वह पिछले कुछ समय से बहुत ही जतदा बीमार रहने लग गए थे ।सरस्वती 69वें शंकराचार्य और कांची कमकोटि पीठ के पीठाधिपति थे।बतया जा रहा हैं की उन्हें पिछले ही महीने सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी पर इसी वजह से उन्हें अस्पतला में भर्ती करवाया गया था ।शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती एक महीने तक इस बीमारी से झुंजते रहे हो आखिर में बुधवार को उन्होंने अंतिम सास लीं ।बता दे की बुधवार को सुबह कांचीपुरम के प्राइवेट अस्पताल में उनका निधन हो गया। 

आपको बता दें शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती को पूर्व की जयललिता सरकार में कांचीपुरम के वर्धराज पेरूमल मंदिर के मैनेजर शंकररमन की हत्या के मामले में गिरफ्तार भी किया गया था ।इस मामले में सब छान बिन करने के बाद इन्हे केस से बरी करदिया गया था ।बताया जा रहा हैं की सरस्वती के निधन के बाद अब विजयेन्द्र सरस्वती उनकी जगह लेंगे ।बता दे की विजयेन्द्र सरस्वती अपने कार्यकाल में कांची कामाकोटी पीठ को काफी सारे चैरिटेबल कामो में लगया और उन्होंने काफी उपलब्धिया भी हासिल की हैं ।इन्होने काफी अस्पतालों और स्कूल का निर्माण करवाया हैं ।आप की जानकारी के लिए बता दे की देश में राम मंदिर को लेकर काफी विवाद हो रहे हैं इस पर शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती ने शांति पूर्वक तरीके से मामले को निपटाने का कहा था ।

कांची मठ की स्थापना आदि शंकराचार्य ने 8वीं शताब्दी की थी ।इसके बाद शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती 1954 में पीठ का पूरा काम अपने कांधो पर ले लिया था ।साल 1994 में जयेन्द्र सरस्वती कांची कामाकोटी पीठ के हेड बने और अब कांची मठ कई स्कूल, आंखों के अस्पताल का संचालन करता है ।बता दे की इनके निधन पर देश के प्रधानमंत्री भी काफी दुखी हुई हैं ।इस को लेकर मोदी ने ट्वीट भी किया हैं ।

 

 

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