अफगानिस्तान के पूर्वी शहर जलालाबाद में रविवार को हिंदू-सिख समुदाय पर हुए आत्मघाती हमले के बाद अल्पसंख्यक सिख समुदाय के लोग देश छोड़कर भारत जाने पर विचार कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे अब अफगानिस्तान में नहीं रह सकते। इस हमले में अक्टूबर में होने वाले संसदीय चुनाव के एक मात्र सिख उम्मीदवार अवतार सिंह खालसा और समुदाय के प्रमुख कार्यकर्ता रावेल सिंह भी मारे गए।
अफगानिस्तान में ‘नेशनल पैनल ऑफ हिंदू एंड सिख’ के सचिव तेजवीर सिंह (35) ने कहा, ‘मेरा स्पष्ट मत है कि अब हम यहां नहीं रह सकते। इस्लामी आतंकवादी हमारी धार्मिक मान्यताओं को सहन नहीं करेंगे। हम अफगानी हैं। सरकार हमें मान्यता देती है, लेकिन आतंकवादी हमें निशाना बनाते हैं क्योंकि हम मुस्लिम नहीं हैं।’ तेजवीर के अंकल भी रविवार को हुए हमले में मारे गए हैं। उन्होंने बताया कि अफगानिस्तान में अब सिख परिवार 300 से भी कम रह गए हैं। सिखों के देश में सिर्फ दो ही गुरुद्वारे हैं। एक जलालाबाद में तो दूसरा राजधानी काबुल में।
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