निजी अस्पताल का भारी भरकम बिल देखकर गाजियाबाद का एक व्यक्ति अपने बेटे को सेक्टर 50 स्थित नियो अस्पताल के वेंटिलेटर पर ही छोड़कर गायब हो गया। अस्पताल प्रशासन ने सात लाख रुपये का बिल बनाया था, जिसमें से बच्चे के पिता ने ढाई लाख रुपये जमा करवा दिए थे। अस्पताल प्रशासन परिवार से संपर्क करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन बच्चे के पिता का मोबाइल नंबर बंद जा रहा है। ऐसे में अब अस्पताल प्रशासन ने सीएमओ को लिखित शिकायत दी है।
जानकारी के अनुसार 1 दिसंबर को गाजियाबाद निवासी वीरेंद्र कुमार ने 16 वर्षीय बेटे गौरव को नियो अस्पताल में भर्ती कराया था। बच्चे को मिर्गी और सांस की दिक्कत थी। यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर राजीव मोतियानी इलाज कर रहे थे।
बच्चे की सर्जरी की गई। अभी वह वेंटिलेटर पर है। इलाज की एवज में करीब 7 लाख का बिल बनाया गया। वीरेंद्रकुमार ने इसमें से ढाई लाख रुपये जमा करा दिए, लेकिन 12 दिसंबर के बाद से वह अस्पताल में ही नहीं आए। सीएमओ डॉक्टर अनुराग भार्गव ने बताया कि इस संबंध में अस्पताल की तरफ से शिकायत आई है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि बच्चे की हालत ऐसी नहीं है कि उसको घर ले जाया जा सके।