भारत में इस हफ्ते एक और कोरोना वैक्सीन को अप्रूवल मिल सकता है। जाइडस कैडिला की वैक्सीन वैक्सीन Zycov-d को भारतीय दवा नियामक इस हफ्ते मंजूरी दे सकता है। इस वैक्सीन का ट्रायल बड़ों के साथ-साथ बच्चों पर भी किया गया है। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच यह वैक्सीन काफी अहम साबित हो सकती है। कंपनी ने इस वैक्सीन के भारत में इस्तेमाल की अनुमति मांगी है और ट्रायल का डेटा भी (SEC) सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी के सामने पेश किया है। SEC वैक्सीन के ट्रायल के डेटा का विश्लेषण करेगा और संतुष्ट होने पर इस वैक्सीन के भारत में इस्तेमाल को अनुमति मिल सकती है। हालांकि वैक्सीन की सप्लाई कैसे होगी। इसको लेकर अभी भी कोई स्पष्ट प्लान नहीं है।
इसी हफ्ते मिल सकती है मंजूरी
अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार एक अधिकारी ने बताया “कंपनी ने आवेदन के समय जो डेटा दिया है उसका शुरुआती मूल्यांकन चल रहा है और हमने इसे आगे के विचार के लिए SEC को भेज दिया है। जल्द ही SEC की बैठक होगी, जिसमें कंपनी के प्रतिनिधियों को प्रजेंटेशन देने के लिए कहा जाएगा। अगर SEC को कंपनी के फेज 3 के आंकड़े संतोषजनक लगते हैं, तो वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी इसी हफ्ते दी जा सकती है।”
कब तक शुरू होगी सप्लाई?
अधिकारी के अनुसार अगर वैक्सीन के इमरजेंसी उपयोग की मंजूरी मिलती है तो अगस्त-सितंबर तक वैक्सीन की आपूर्ति शुरू होने की उम्मीद है। ऐसा होने पर ZyCov-D भारत में कोरोनावायरस के खिलाफ पांचवां टीका होगा। मौजूदा समय में देश में कोविशील्ड, कोवैक्सिन और स्पुतनिक V वैक्सीन उपलब्ध हैं और सिप्ला कंपनी को मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन बनाने और उसका इस्तेमाल करने की अनुमति मिल गई है। हालांकि यह वैक्सीन अभी देश में उपलब्ध नहीं है।
ट्रायल के नतीजों की जांच कर रहे हैं वैज्ञानिक
नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कुछ समय पहले जाइडस की वैक्सीन से जुड़े एक सवाल पर कहा था कि “कंपनी ने तीसरे चरण के ट्रायल के नतीजे DCGI के पास जमा किये हैं और वैज्ञानिक इनकी जांच कर रहे हैं। इस वैक्सीन के ट्रायल में बच्चों को भी शामिल किया गया था। उम्मीद है कि वैज्ञानिक प्रक्रिया से इन सभी आंकड़ों का मूल्यांकन होने के बाद सिफारिशों का पालन किया जाएगा।”