प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ब्रिटिश ब्राडकास्टिंग कारपोरेशन यानी बीबीसी के कार्यालयों में आयकर विभाग द्वारा की गई तलाशी के महीनों बाद विदेशी फंडिंग में कथित अनियमितताओं के लिए बीबीसी इंडिया के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
BBC इंडिया के खिलाफ क्यों दर्ज किया गया मामला?
1999 (फेमा) के तहत विदेशी फंडिंग की कथित अनियमितताओं, फंड के डायवर्जन और नियमों के उल्लंघन की जांच के लिए BBC के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है।

आईटी सर्वे
बीबीसी के खिलाफ यह कदम इस साल फरवरी में नई दिल्ली और मुंबई में ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर के कार्यालयों में आयकर विभाग द्वारा की गई तलाशी के मद्देनजर उठाया गया है। टैक्स अधिकारियों ने दावा किया कि उन्हें ‘ट्रांसफर प्राइसिंग डॉक्यूमेंटेशन के संबंध में कई विसंगतियां’ मिली हैं।
विवादास्पद डाक्यूमेंट्री
आईटी विभाग की कार्रवाई बीबीसी की एक डाक्यूमेंट्री, ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ के मद्देनजर आई है। इसने 2022 के गुजरात दंगों के दौरान मुख्यमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की ओर इशारा करते हुए विवाद खड़ा कर दिया था। यही नहीं, बीबीसी ने मामले में सीबीआई जांच और अदालत की निगरानी वाली एसआईटी जांच के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई क्लीन चिट की भी अवहेलना की थी। केंद्र ने जनवरी में सोशल मीडिया प्लेटफार्म को यूट्यूब वीडियो और डाक्यूमेंट्री के लिंक साझा करने वाले ट्विटर पोस्ट को ब्लॉक करने का निर्देश दिया था।
एक कूटनीतिक मार्ग
यूके के विदेश सचिव जेम्स, जो जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए भारत में आए हुए थे, ने चतुराई से 1 मार्च को अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर के साथ बीबीसी कार्यालयों में आईटी छापों का मुद्दा उठाया। इस पर कथिर तौर पर जयशंकर ने दृढ़ता से कहा था कि भारत में काम करने वाली सभी संस्थाओं को प्रासंगिक कानूनों और नियमों का पूरी तरह से पालन करना चाहिए।
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