
यह रिपोर्ट स्पष्ट रूप से संकेत देती है कि ट्रंप रूस के राष्ट्रपति के पक्ष वाले उम्मीदवार थे और पुतिन खुद उन्हें जिताने के लिए मदद करना चाहते थे। इसीलिए पुतिन ने व्यापक साइबर अभियान शुरू करने के निर्देश दिए थे।
इस बीच डोनाल्ड ट्रंप ने खुफिया अधिकारियों से मुलाकात को सकारात्मक बताते हुए कहा कि रूस की तरफ से की गई हैकिंग का चुनाव के नतीजों पर कोई असर नहीं पड़ा है। 25 पेज की इस रिपोर्ट में वर्तमान राष्ट्रपति बराक ओबामा और आगामी राष्ट्रपति ट्रंप को सौंपी गई गुप्त रिपोर्ट के कुछ हिस्से हैं।
इसमें हैकिंग के दौरान पुतिन की कथित भूमिका के सीधे सबूत नहीं दिए गए हैं। हालांकि रूस उस पर लगे इन आरोपों से पहले भी इंकार कर चुका है। इस बीच ओबामा प्रशासन ने 35 रूसी राजनयिकों को गुप्तचरी करने के आरोप में अमेरिका से निकाल दिया है।
बैठक के बाद ट्रंप ने अमेरिकी चुनाव में हैकिंग का कोई प्रभाव पड़ने की बात को नकार दिया। उन्होंने कहा कि रूस, चीन, अन्य देश, बाहरी समूह और लोग डेमोक्रेट नेशनल कमेटी समेत हमारे सरकारी संस्थानों, कारोबारों व संगठन के साइबर बुनियादी ढांचे को लगातार तोड़ने की कोशिश हुई है, लेकिन चुनाव के परिणाम पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। ट्रंप ने कहा कि रिपब्लिकन नेशनल कमेटी को हैक करने का प्रयास भी किया गया था लेकिन पार्टी के पास हैकिंग से बचने की मजबूत सुरक्षा प्रणाली थी इसलिए हैकर विफल रहे।
ट्रंप ने कहा सार्वजनिक चर्चा नहीं होनी चाहिए
खुफिया अधिकारियों से मुलाकात के बाद ट्रंप ने कहा कि – ‘मैं पद संभालने के 90 दिनों के अंदर इस पर एक योजना बनाने के लिए एक दल की नियुक्ति करूंगा।’ उन्होंने कहा कि ‘अमेरिका को सुरक्षित रखने के लिए हम जिन तरीकों, उपकरणों और रणनीतियों का इस्तेमाल करते हैं उन पर सार्वजनिक रूप से चर्चा नहीं होनी चाहिए, क्योंकि ऐसा होने पर अमेरिका को नुकसान पहुंचाने की इच्छा रखने वालों को फायदा ही होगा।’ उन्होंने कहा कि – ‘आज से दो सप्ताह बाद मैं अपने पद की शपथ लूंगा, जिसके बाद अमेरिकी सुरक्षा और संरक्षण मेरी पहली प्राथमिकता होगी।’
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal