निर्जला एकादशी के दिन ये मूर्ति जरूर घर ले आएं, आइए इसके बारे में सबकुछ जानें..

हिन्दू पंचांग के अनुसार 31 मई को निर्जला एकादशी है। इस दिन गायत्री जयंती भी है। ये दोनों पर्व ज्येष्ठ महीने में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाए जाते हैं। सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। यह दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है। धार्मिक मान्यता है कि एकादशी व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में व्याप्त सभी दुख और संकट दूर हो जाते हैं। अत: व्रती श्रद्धा भाव से भगवान विष्णु की पूजा उपासना करते हैंं। एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए विशेष उपाय किए जाते हैं। इन उपायों को करने से घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है। अगर आप भी भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो निर्जला एकादशी के दिन ये मूर्ति जरूर घर ले आएं। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

– घर में कामधेनु गाय की मूर्ति स्थापित करना बेहद शुभ होता है। इससे घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है। अतः निजर्ला एकादशी के दिन कामधेनु गाय की मूर्ति घर ले आएं। इसके पश्चात विधिवत पूजा कर मूर्ति को पूजा घर में स्थापित करें। इसके बाद रोजाना कामधेनु गाय की पूजा उपासना करें।

– वास्तु जानकारों की मानें तो घर में ईशान कोण यानी उत्तर पूर्व दिशा में कामधेनु गाय की प्रतिमा स्थापित करना शुभ होता है। ईशान कोण में देवी-देवता निवास करते हैं। ऐसा करने से घर में धन का आगमन होता है।

– कामधेनु गाय की मूर्ति को आप घर के मुख्य दरवाजे पर भी स्थापित कर सकते हैं। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार पूरे घर में होता है।

– अगर आपकी आर्थिक स्थिति प्रतिकूल है, तो आप मूर्ति की जगह कामधेनु गाय की तस्वीर भी घर ला सकते हैं। धार्मिक मान्यता है कि कामधेनु गाय में जगत जननी मां दुर्गा, धन की देवी मां लक्ष्मी और विद्या की देवी मां सरस्वती के गुण मौजूद होते हैं।

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