“दुश्मन शिकार, हम शिकारी” नियंत्रण रेखा पर सैनिकों का मूलमंत्र

नौशेindian_army_12_10_2016रा। “दुश्मन शिकार, हम शिकारी” मूलमंत्र के साथ नियंत्रण रेखा की सुरक्षा में डटे हैं निशानेबाज सैनिक। गुलाम कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद सैनिकों का मनोबल और बढ़ गया है। वे पाकिस्तान की तरफ से संघर्ष विराम उल्लंघन का मुंहतोड़ जवाब देने और आतंकियों तथा पाक बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) की घुसपैठ रोकने को तैयार बैठे हैं।

नियंत्रण रेखा पर “दुश्मन शिकार, हम शिकारी” लिखी तख्तियां पैदल गश्ती दल के रास्ते में देवदार के पेड़ों पर लगी हैं। एक तख्ती की ओर इशारा करते हुए सेना के निशानेबाज राम सिंह (बदला हुआ नाम) ने कहा, “लक्ष्मण रेखा (नियंत्रण रेखा) के पार बैठा दुश्मन मेरा शिकार है और मैं उसका शिकारी। इसी मूलमंत्र के तहत हम इस लक्ष्मण रेखा को लांघने वाले से निपटने को तैयार हैं।” नियंत्रण रेखा पर पर तैनात सिंह और अन्य निशानेबाज उच्च प्रशिक्षित हैं और दुश्मन को लक्ष्य कर निशाना बनाने में अचूक हैं।

निशानेबाजों के अलावा नियंत्रण रेखा पर पैदल गश्ती करने वाले और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस ने निगरानी करने वाले सेना के जवानों और अधिकारियों का भी यही मूलमंत्र है। ये सभी राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में भारत-पाक सीमा की सुरक्षा में तैनात हैं।

अग्रिम चौकी पर तैनात एक सैनिक ने कहा कि हम एक क्षण के लिए भी नियंत्रण रेखा से मैन्यूअल और इलेक्ट्रॉनिक नजर नहीं हटाते हैं। इलेक्ट्रॉनिक गैजेट से बिल्ली के गुजरने का भी पता चल जाता है। हम दुश्मन को थोड़ा भी मौका नहीं दे सकते। गौरतलब है कि इसी जगह के सामने गुलाम कश्मीर का भिंबर जिला है जहां पिछले महीने के अंत में सर्जिकल स्ट्राइक की गई थी।

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