कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह पर जवाबी हमला बोलते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने शनिवार को कहा कि उन्हें शर्म आती है कि कांग्रेस नेता मध्यप्रदेश के हैं और कभी राज्य के मुख्यमंत्री भी रहे हैं। दिग्विजय ने इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपमानजनक टिप्पणी वाले एक ट्वीट को रीट्वीट किया था। चौहान ने आईएएनएस से कहा, “मुझे तुलसी दास की चौपाई याद आती है -जाको प्रभु दारुण दुख देही, ताकी मति पहले हर लेही।” उन्होंने कहा, “मैं शर्मिदा हूं कि वह (दिग्विजय) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। वह 10 सालों तक मुख्यमंत्री रहे हैं और देश की सबसे पुरानी पार्टी के महासचिव हैं, और वह प्रधानमंत्री के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं।” उन्होंने कहा, “यहां तक कि उचक्के भी सड़क पर ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करते हैं। मुझे तो वह शब्द बोलने में शर्म आ रही है।”
चौहान दिग्विजय के रीट्वीट पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। लेकिन बाद में विवाद पैदा होने पर उन्होंने कहा था कि वे शब्द उनके नहीं थे। दिग्विजय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मजाक उड़ाते हुए ट्वीट किया था, “मेरी दो उपलब्धियां : …को भक्त बनाया और भक्तों को …बनाया।” (दिग्विजय ने अपने रीट्वीट में जिस शब्द का इस्तेमाल किया था, उसकी जगह … रखा गया है, क्योंकि वह एक असंसदीय शब्द है, जिसे यहां लिखा नहीं जा सकता।) दिग्विजय सिंह ने बाद में उस रीट्वीट से खुद को अलग करते हुए ट्वीट किया, “ये शब्द मेरे नहीं हैं। संबंधित व्यक्ति से मैं माफी मांगता हूं। वह तो ‘मूर्ख बनाने की कला’ में माहिर हैं।”
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चौहान ने कहा, “वे राजनीति में इस स्थान पर पहुंच कर भी ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह तो बौखलाहट है। मुझे शर्म आ रही है कि वह मध्य प्रदेश के हैं।” यह पूछे जाने पर कि इस तरह की टिप्पणी वह क्यों करते हैं? चौहान ने कहा, “चर्चा में बने रहने के लिए कुछ न कुछ ऐसी बातें बोलते रहते हैं।” चौहान ने कहा, “उन्होंने शालीनता की सारी सीमाएं तोड़ दी। कुछ तो शिष्टाचार रखो -इंसान हो, मानव हो।” मध्यप्रदेश में कांग्रेस की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “जिस पार्टी के नेता इस तरह की बातें बोलें, फिर उस पार्टी के तो भगवान ही मालिक हैं।”