लखनऊ: यूपी सीएम आदित्यनाथ योगी ने पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार के एक बड़े फैसले को पलटने की तैयारी कर ली है। हालांकि योगी के इस फैसले का असर सिर्फ विपक्षीय दलों को ही नही बल्कि भाजपा के कई बड़े नेता भी पड़ सकता है।
सीएम योगी के खिलाफ अभद्र टिपण्णी करने से बचें वरना ये होगा अंजाम दरअसल, सीएम योगी ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित किये गए सरकारी बंगलों को योगी खाली कराने का मन बनाया है। जिसके चलते योगी सरकार पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार के एक बड़े फैसले को पलटने की तैयारी कर रही है। इसके तहत उत्तर प्रदेश के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों अखिलेश, मुलायम, मायावती, राजनाथ और नारायण दत्त तिवारी आदि अपने सरकारी बंगलों से बेदखल हो जाएंगे। दरअसल एक अगस्त 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री आवास नियम 1997 को खारिज कर दिया था। इस नियम के तहत यूपी के पूर्व सीएम पद से हटने के बाद जीवन भर सरकारी आवास में रह सकते थे।
दरअसल, सीएम योगी ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित किये गए सरकारी बंगलों को योगी खाली कराने का मन बनाया है। जिसके चलते योगी सरकार पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार के एक बड़े फैसले को पलटने की तैयारी कर रही है। इसके तहत उत्तर प्रदेश के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों अखिलेश, मुलायम, मायावती, राजनाथ और नारायण दत्त तिवारी आदि अपने सरकारी बंगलों से बेदखल हो जाएंगे। दरअसल एक अगस्त 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री आवास नियम 1997 को खारिज कर दिया था। इस नियम के तहत यूपी के पूर्व सीएम पद से हटने के बाद जीवन भर सरकारी आवास में रह सकते थे।
सीएम योगी की एक आहट से दौड़ी चली आईं गोशाला की गायें
इस मामले में 12 साल पहले 2004 में लोक प्रहरी नामक संस्था ने सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल कर सरकार के उक्त नियमावली को चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि सरकार इसके लिए करोड़ों का आवास आवंटित कर रही है। फैसले को रद्द किया जाए। अगर इसे रद्द नहीं किया गया तो बाकी राज्यों पर भी इसका असर पड़ेगा। कई साल तक सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार निर्णय सुनाया कि सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगले दो महीने के अंदर खाली कराए जाएं।
सीएम बंगले को अखिलेश ने बनाया निवास
लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के जवाब में तत्कालीन अखिलेश सरकार ने महीने भर के अंदर 30 अगस्त 2016 को विधानसभा में उत्तर प्रदेश मंत्री (वेतन, भत्ता और प्रकीर्ण उपबन्ध) (संशोधन) विधेयक-2016 पारित करा लिया। जिसके तहत मुख्यमंत्री, मंत्री, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और राज्यमंत्री के वेतन भत्तों को पुनरीक्षित किया गया। इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत उन्हें सरकारी आवास तथा अन्य सुविधाएं भी इस विधेयक से मिल गईं। यही नहीं इसके बाद खुद तत्कालीन सीएम अखिलेश ने मुख्यमंत्री रहते हुए अपने पिता पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के आवास को अपने नाम एलॉट कराया और वहां रहने लगे। इस समय बतौर पूर्व सीएम अखिलेश का वही निवास है।
फिलहाल खबर के मुताबिक, योगी सरकार ने फैसला किया है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ही लागू किया जाए। इसके लिए सरकार संशोधन बिल को लेकर कानूनी राय ले रही है। माना जा रहा है कि प्रदेश की पहली कैबिनेट मीटिंग में सीएम योगी इस पर फैसला ले लेंगे।
गोरखपुर में योगी का दूसरा दिन, मंदिर में मची सीएम से मिलने की होड़
माना जा रहा है कि योगी सरकार के इस फैसले से सपा के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव, बीएसपी सुप्रीमो मायावती, बीजेपी नेता कल्याण सिंह, पूर्व कांग्रेसी नेता एनडी तिवारी, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह समेत यूपी के कई बड़े नेताओं को सरकारी आवास से हाथ धोना पड़ सकता है।
 Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal
 
		
 
 
						
 
						
 
						
 
						
 
						
