योगी सरकार ने विधानमंडल में वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना सुबह 11 बजे विधान सभा में बजट प्रस्तुत किया। योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह दूसरा बजट है, इस बार के बजट में सरकार युवाओं, महिलाओं, किसानों और कामगारों को साधते हुए नजर आई। कई योजनाओं में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों का दबदबा देखने को मिला। बजट में भाजपा के लोक कल्याण संकल्प पत्र (चुनावी घोषणा पत्र) के एलानों को भी जगह दी गई हैं। कुछ नई योजनाओं का एलान भी किया गया है।
- वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने अपने भाषण की शुरुआत प्रदेश की जीडीपी बताने के साथ की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश 24 करोड़ की देश की सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य है हमारा प्रदेश न केवल भारत का सबसे बड़ा उपभोक्ता एवं श्रम बाजार है अपितु गंगा के उपजाऊ मैदानों के किनारे प्रदेश में प्रचुर प्राकृतिक संसाधन विद्यमान हैं। देश की जीडीपी में प्रदेश का योगदान 08 प्रतिशत से अधिक का हैं।
- वित्त मंत्री ने कहा कि मुझे यह बताते हुये हर्ष है कि वर्ष 2021 2022 में प्रदेश के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में 16.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी जो देश की विकास दर से अधिक रही। वित्तीय वर्ष 2023 2024 के लिये जीएसडीपी में वृद्धि की दर 19 प्रतिशत अनुमानित की गयी है। वैश्विक मंदी के दौर में प्रदेश की अर्थव्यवस्था की विकास दर उत्साहजनक है।
- उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 के पूर्व, प्रदेश की बेरोजगारी दर 14.4 प्रतिशत थी, आज यह घटकर लगभग 4.2 प्रतिशत हो गयी है। यह प्रदेश की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
किसानों के लिए क्या…?
- वित्त मंत्री ने बताया कि हमारी सरकार द्वारा प्रदेश के लगभग 46 लाख 22 हजार गन्ना किसानों को वर्ष 2017 से अब तक 1,96,000 करोड रूपये से अधिक का रिकार्ड गन्ना मूल्य भुगतान कराया गया जो वर्ष 2012 से 2017 तक की अवधि में किये गये कुल गन्ना मूल्य भुगतान 95,125 करोड़ रूपये से 86,728 करोड़ रूपये अधिक है।
- गन्ना उत्पादकता में 1,00,875 टन प्रति हेक्टेयर की वृद्धि किसानों की आय में औसतन 349 रुपये प्रति कुन्तल की दर से 34,656 रुपये प्रति हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। इसके अतिरिक्त, गन्ने के साथ अंतःफसली खेती से कृषकों को लगभग 25 प्रतिशत की अतिरिक्त आय हुई।
- रबी विपणन वर्ष 2022 2023 में 2015 रुपये प्रति कुन्तल गेहूँ, का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित था विपणन वर्ष के दौरान 87991 किसानों से 3.36 लाख मीट्रिक टन गेहूँ का क्रय किया गया. जिसके सापेक्ष किसानों के खातों में पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से 675 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
- खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा कॉमन श्रेणी हेतु रु0 2040 तथा ग्रेड ए हेतु रु. 2060 प्रति कुन्तल मूल्य निर्धारित किया गया है। अद्यतन 62.66 लाख मीट्रिक टन धान क्रय किया गया है जिसके सापेक्ष सीधे किसानों के खातों में पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से 10.30 लाख किसानों के बैंक खातों में 12 हजार करोड़ रूपये का भुगतान किया है।
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत वर्ष 2022 2023 में अब तक 51.639.68 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि डीबीटी के माध्यम से किसानों के बैंक खातों में सीधे हस्तांतरित की गयी।
- किसानों के निजी नलकूपों के क्षतिग्रस्त परिवर्तकों को निर्धारित समय पर बदला जा रहा है।
- प्रदेश के डार्क जोन में किसानों को निजी नलकूप कनेक्शन देने पर लगे प्रतिबंध को हटाने से 01 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं।
छात्र-छात्राओं को टैबलेट
उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के पात्र छात्र-छात्राओं को टैबलेट/स्मार्टफोन देने हेतु वित्तीय वर्ष 2023-2024 के बजट में 3600 करोड़ रु. की व्यवस्था प्रस्तावित है। उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्टअप्स नीति हेतु 60 करोड़ रु.की व्यवस्था प्रस्तावित है। ग्रामीण क्षेत्रों में युवा उद्यमियों को एग्रीटेक स्टार्ट-अप्स की स्थापना के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड के लिए 20 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं।
युवाओं के लिए
- उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि युवा अधिवक्ताओं को कार्य के शुरुआती 03 वर्षों के लिये किताब एवं पत्रिका क्रय करने हेतु आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने के लिये 10 करोड़ रुपए तथा युवा अधिवक्ताओं के लिये कॉपर्स फंड हेतु 5 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- उन्होंने कहा कि प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों को प्रशिक्षण देने की योजना के तहत कौशल विकास मिशन के माध्यम से 6 वर्षों में 12 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया तथा 4 लाख 88 हजार युवाओं को प्रतिष्ठित कंपनियों में सेवायुक्त कराया गया।
14 नए मेडिकल कॉलेज का एलान
- यूपी के वित्त मंत्री ने कहा किप्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। एक जनपद एक मेडिकल कालेज की योजना के अन्तर्गत प्रदेश के 45 जनपद मेडिकल कॉलेज से आच्छादित किए जा चुके हैं, 14 जनपदों में मेडिकल कालेज निर्माणाधीन है।
- उन्होंने बताया कि 14 नये मेडिकल कॉलेजों की स्थापना एवं संचालन हेतु 2491 करोड़ 39 लाख रुपए की व्यवस्था की गई है। असाध्य रोगों की चिकित्सा हेतु 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है।