मेट्रो की मेजेंटा लाइन के उद्धाटन को लेकर बीजेपी और केजरीवाल के बीच तो जुबानी जंग चल ही रही थी. मेट्रो शुरू होते ही समाजवादी पार्टी के लोग भी श्रेय लेने की होड़ में कूद पड़े. पीएम के उद्धाटन करने के बाद शाम 5 बजे से मेट्रो आम लोगों के लिए खोल दी गई थी.
जैसे ही मेट्रो में एंट्री खुली समाजवादी पार्टी की लाल टोपी लगाए सैकड़ों सपा कार्यकर्ता मेट्रो में घुस आए. हालांकि ये सारे लोग मेट्रो में टिकट लेकर चढ़े, लेकिन स्टेशन और मेट्रो ट्रेन के भीतर नारेबाजी की और नोएडा में मेट्रो की इस नई लाइन को लाने का श्रेय अखिलेश यादव को दिए जाने की मांग की.
इधर बीजेपी ने कहा है कि कार्यक्रम यूपी में हुआ और मेट्रो भी यूपी से चली, तो केजरीवाल का आखिर यूपी में क्या काम. रही बात श्रेय लेने की तो मेट्रो को दिल्ली में लाने का श्रेय अटल बिहारी वाजपेयी और तब के मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना को जाता है और उन्हें ये श्रेय पहले से ही मिला हुआ है.
दोपहर में पीएम मोदी ने मेट्रो का उद्धाटन किया और शाम को बॉटनिकल गार्डन से कालकाजी तक मेट्रो आम लोगों के लिए खोल दी गई. पहली ट्रेन में आम मुसाफिरों के साथ हमारे संवाददाता कपिल शर्मा ने भी सफर किया और उनसे तमाम मुद्दों पर बात की. साथ ही मुसाफिरों से पूछा कि उन्हें नई लाइन से क्या फायदा होगा और क्या उन्हें ड्राइवरलेस ट्रेन में सफर करने में डर लगेगा.
पिछले 15 साल में 27 बार मेट्रो की नई लाइन शुरू हुई है. दिल्ली मेट्रो में बढ़ती दुघर्घटनाओं और आत्महत्या की घटनाओं के रोकने का भी पूरा इंतजाम नई मेट्रो लाइन में है. नई मेजेंटा लाइन के हर स्टेशन पर प्लेटफार्म और ट्रैक के बीच एक दीवार लगाई गई है, जिसमें दरवाजे लगे होंगे. ये दरवाजे प्लेटफार्म स्क्रीन डोर हैं, जो ट्रने के प्लेटफार्म पर रुकने के बाद ही खुलेंगे। इससे आत्महत्या की घटनाएं रुकेंगीं और भीड़भाड की स्थिति में कोई ट्रैक पर भी नहीं गिरेगा.