हमारा शरीर एक एसी मशीन है, जो बेहद संतुलित ढंग से काम करती है। समय पर भोजन तथा समय पर सोने से न केवल जीवन बेहतर होता है, बल्कि यह मानसिक विकार को भी दूर रखता है।
सरकाडियन रिद्म्स (शरीर के अंदर मौजूद जैविक घड़ी) 24 घंटे के चक्र का पालन करती है और हार्मोन तथा स्वभाव सहित शरीर की सभी गतिविधियों को नियंत्रित करती है।
मोंट्रियल के डगलस मेंटल हेल्थ यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट तथा मैकगिल यूनिवर्सिटी की काई-फ्लोरियन स्टॉर्च ने कहा, “इस बात के भी सबूत हैं कि रोजाना की गतिविधियां शरीर में 24 घंटे के अलावा, चार घंटे के एक चक्र से प्रभावित होती हैं, जिसे अल्ट्रेडियन रिद्म्स कहते हैं।”
चार घंटे का अल्ट्रेडियन रिद्म्स मस्तिष्क में मौजूद एक मुख्य रसायन ‘डोपामिन’ से प्रेरित होता है। शरीर में जब डोपामिन का स्तर अनियंत्रित हो जाता है, तो चार घंटे का रिद्म्स 48 घंटे तक खिंच सकता है। अनुवांशिक रूप से संशोधित चूहों पर किए गए अध्ययन में स्टॉर्च के दल ने इस बात का खुलासा किया कि नींद आने में दिक्कत, अल्ट्रेडियन रिद्म्स जेनरेटर में असंतुलन का परिणाम है, जबकि यह पहले सर्काडियन रिद्म्स में गड़बड़ी का परिणाम माना जाता था। यह अध्ययन पत्रिका ‘ईलाइफ’ में प्रकाशित हुआ है।
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