मध्य प्रदेश में कोरोना पर अभी पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा सका है और डेंगू के कहर जैसी स्थिति बन रही है। इसकी चपेट में आए श्योपुर जिले के एक नायब तहसीलदार की उपचार के दौरान ग्वालियर में मौत हो गई है। उन्हें तबियत बिगड़ने पर ग्वालियर ले जाया गया था। स्वास्थ्य विभाग ने अभी अधिकृत रूप से मध्य प्रदेश में डेंगू से पांच लोगों की मौतें ही स्वीकारी हैं।

बताया जाता है कि श्योपुर के नायब तहसीलदार शिवराज मीणा की डेंगू बुखार से हुई मौत, ग्वालियर के लिंक हॉस्पिटल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। वे 4 नवंबर से बीमार थे। जब उनकी हालत बिगड़ी तो पिछले रविवार को वीरपुर तहसील से ग्वालियर के लिए रेफर किया गया। उस समय उनकी प्लेटलेट्स काफी कम हो गई थीं।
प्रदेश में 11000 डेंगू मरीज
स्वास्थ्य विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर हिमांशु जैसवार ने लाइव हिंदुस्तान को बताया है कि प्रदेश में अब तक करीब 11000 डेंगू मरीज मिले हैं। पांच डेंगू मरीजों की मौत हो चुकी है जिनमें से एक इंदौर, एक आगर मालवा, एक सिवनी के मरीज शामिल हैं। जैसवार का कहना है कि जिनकी मौत हुई उन्हें डेंगू के साथ दूसरी बीमारी भी थी। अभी ग्वालियर-चंबल संभाग में डेंगू के मरीज मिल रहे हैं लेकिन अन्य हिस्सों में स्थिति ठीक है। श्योपुर के नायब तहसीलदार मीणा की मौत को लेकर जैसवार ने कहा कि अभी तक उन्हें इसकी जानकारी नहीं मिली है।
डेंगू से बचने के उपाय
ज्वाइंट डायरेक्टर जैसवार ने कहा कि डेंगू के प्रकोप से बचने के लिए नागरिकों को अपने आसपास साफ-सफाई रखना चाहिए। कहीं भी पानी को भरने नहीं दें। किसी बर्तन में ज्यादा दिन पानी भरकर नहीं रखें। डेंगू का लार्वा ऐसी ही स्थान पर पनपता है।
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