इंदौर/उज्जैन:देशभर में रहने वाले क्षत्रिय मराठा और कुछ अन्य महाराष्ट्रीयन परिवार के सदस्यों द्वारा इन दिनों चंपाषष्ठी षड्रात्रोत्सव मनाया जा रहा है। इस दौरान श्रद्धालु अपने आराध्य भगवान श्री मल्हारी मार्तंड की आराधना कर रहे हैं। हर कहीं भगवान श्री खंडोबा और माता माल्हसा देवी की आराधना की जा रही है। बड़े पैमाने पर श्रद्धालु अपने घरों, श्री मल्हारी मार्तंड के मंदिरों में पूजन करने उमड़ रहे हैं।
मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष में 6 दिनों तक यह उत्सव मनाया जाता है। उत्सव के तहत षष्ठी तिथि के दिन अर्थात चंपा षष्ठी के दिन मुख्य पूजन होता है। इस दिन श्री खंडोबा की पालकी भी निकाली जाती है। भगवान श्री खंडोबा श्री शिव जी के ही अवतार माने जाते हैं। इस स्वरूप में भगवान शिव ने मल्हारी मार्तंड और माता पार्वती ने माल्हसा माता के तौर पर अवतार लिया था।
भगवान श्री खंडोबा ने मणि और मल्ल दैत्यों का संहार किया जिसके कारण वे मल्हारी कहलाए। भगवान का मुख्य शस्त्र खड्ग अर्थात तलवार है। जिसके कारण उन्हें खंडोबा कहा जाता है। भगवान श्री खंडोबा घोड़े पर सवार होते हैं और जेजुरी इनका प्रमुख स्थान है। भगवान को भंडारा अर्थात् हल्दी बड़े पैमाने पर समर्पित कर व उड़ाकर प्रसन्न किया जाता है।
भगवान को रोड़गा चटनी, पूरन पोली, खोपरा, बैंगन का भर्ता आदि व्यंजन समर्पित कर भोग लगाया जाता है। भगवान की आराधना में येळकोट येळकोट खंडोबा चा येळकोट व जय मल्हार के जयकारे लगाए जाते हैं।
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