विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि भारत की कोविड-19 टीके की उत्पादन एवं आपूर्ति क्षमता का उपयोग इस महामारी से लड़ने में समस्त मानव जाति के लिए मददगार साबित होगी। मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत विभिन्न देशों को अपनी ‘कोल्ड चेन’ एवं भंडारण क्षमता बढ़ाने में भी मदद करेगा।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि इस तरह की कोशिशों के तहत भारत ने अपने पड़ोसी देशों के लिए दो प्रशिक्षण मॉड्यूल आयोजित किए हैं जिनमें करीब 90 स्वास्थ्य विशेषज्ञ एवं वैज्ञानिक भाग लेंगे।
उन्होंने ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘इसमें रुचि रखने वाले अन्य देशों को भी इन कार्यक्रमों में शामिल करने के लिए इसे विस्तारित करने का हमारा प्रस्ताव है। आने वाले समय में भारत में होने वाले परीक्षणों के अनुसार, हम क्लीनिकल ट्रायल में भी अन्य देशों के साथ सहयोग बढ़ाएंगे।’
रूस विदेशी साझीदारों के साथ वैक्सीन उत्पादन के लिए तैयार: पुतिन
पुतिनरूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को कहा कि उनका देश अपने विदेशी साझीदारों के यहां अपनी वैक्सीन का उत्पादन करने के लिए तैयार है। उन्होंने पश्चिमी देशों में विकसित की जा रही वैक्सीनों की आलोचना भी की। साथ ही उम्मीद जताई कि रूस में इस साल के आखिर में टीकाकरण शुरू हो जाएगा।
डब्लूएचओ गरीब देशों को दे सकता है मुआवजा
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के संयुक्त नेतृत्व में विकसित की जा रही वैक्सीन योजना में गरीब देशों के लोगों के लिए मुआवजा कोष स्थापित किया जा रहा है जो कोरोना वैक्सीन के किसी साइड इफैक्ट से प्रभावित हो सकते हैं। इसका मकसद लोगों के मन में से डर निकालना है।
मार्च तक खत्म हो सकता है रूसी वैक्सीन का ट्रायल
भारत में रूस की कोरोनो वैक्सीन का ट्रायल मार्च के महीने तक खत्म हो सकता है। रूसी वैक्सीन का भारत में ट्रायल कर रही हैदराबाद की फार्मा कंपनी डॉ. रेड्डी ने कहा है कि रूसी वैक्सीन के तीसरे चरण का मानव परीक्षण मार्च तक पूरा होने की उम्मीद है। फार्मा कंपनी डॉ. रेड्डी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ईरेज़ इजरायल ने कहा कि स्पुतनिक-वी वैक्सीन के मध्य चरण के परीक्षण के लिए रजिस्ट्रेशन अगले कुछ हफ्तों में शुरू होगा और दिसंबर तक इस परीक्षण के खत्म होने की संभावना है।