गुजरात हाईकोर्ट: बंदी प्रत्यक्षीकरण मामले की सुनवाई से पहले लड़की की मौत

प्रेम प्रसंग के एक मामले में एक युवक ने गुजरात हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। इसमें लड़की की पेशी होनी थी। मगर सुनवाई से दो दिन पहले लड़की की मौत हो गई। मामले में पुलिस ने लड़की के पिता और चाचा को पकड़ा है।

गुजरात हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण मामले में सुनवाई से पहले एक लड़की की मौत हो गई। मामले में पुलिस ने लड़की के पिता और चाचा को गिरफ्तार किया है। लड़की के लिव इन पार्टनर ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। इसमें लड़की की पेशी होनी थी।

दांता संभाग के सहायक पुलिस अधीक्षक सुमन नाला ने बताया कि लड़की के लिव-इन पार्टनर हरेश चौधरी ने उसके पिता सेंधभाई पटेल और चाचा शिवराम भाई पटेल के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि लड़की की हत्या उसके रिश्तेदारों ने की है, क्योंकि वे उनके रिश्ते के खिलाफ थे और उसकी शादी किसी और से कराना चाहते थे।

सहायक पुलिस अधीक्षक सुमन नाला ने बताया कि बनासकांठा के थराद तालुका के वडगामडा गांव के रहने वाले हरेश चौधरी ने एक बार लड़की को थराद कस्बे से पालनपुर तक लिफ्ट दी थी। इसके बाद उसे उससे प्यार हो गया। हालांकि चौधरी पहले से शादीशुदा था। मई में दोनों भागकर अहमदाबाद पहुंचे। जहां उन्होंने लिव-इन रिलेशनशिप के औपचारिक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसके बाद वे मध्य प्रदेश और राजस्थान चले गए।

12 जून को थराद पुलिसकर्मियों और लड़की के एक रिश्तेदार ने उन्हें राजस्थान के एक होटल में ढूंढ निकाला। लड़की को उसके चाचा शिवरामभाई को सौंप दिया गया। जबकि लड़के चौधरी को कच्छ जिले के भचाऊ में दर्ज एक पुराने मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। 21 जून को जेल से बाहर आने के बाद चौधरी को पता चला कि मृतका ने 17 जून को इंस्टाग्राम पर उसे दो बार संदेश भेजा था, जिसमें उसने अपने रिश्तेदारों द्वारा मारे जाने या किसी और से शादी कर दिए जाने का डर जताया था।

चौधरी ने पुलिस को बताया कि जब संदेश भेजे गए तो वह उन्हें पढ़ नहीं पाए, क्योंकि उस समय वह जेल में थे। इसके बाद उसने अपने वकील से संपर्क किया और गुजरात उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर मांग की कि लड़की को अदालत में पेश किया जाए। याचिका पर सुनवाई से ठीक दो दिन पहले 25 जून को हरेश चौधरी को पता चला कि 24 जून की रात को लड़की मौत हो गई थी और अगली सुबह उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया था।

युवक की शिकायत पर बनासकांठा के पुलिस अधीक्षक अक्षयराज मकवाना ने किशोरी की मौत की जांच के आदेश दिए थे। एफआईआर में कहा गया कि पुलिस को जांच में पता चला कि लड़की के पिता और चाचा ने उसे इस डर से मारने का फैसला किया था कि वह एक बार फिर शिकायतकर्ता के साथ भाग सकती है।

पुलिस ने कहा कि 24 जून की रात जब लड़की थराद के दांतिया गांव में शिवरामभाई के घर पर थी, तो उसे नींद की गोलियां मिला दूध पिलाया गया। जब वह बेहोश हो गई, तो दोनों ने उसका गला घोंट दिया और अपना अपराध छिपाने के लिए अगली सुबह उसका अंतिम संस्कार कर दिया। पुलिस ने कहा कि लड़की हरेश चौधरी से प्यार करती थी। दोनों ने साथ रहने का समझौता भी किया था, जो उसके पिता सेंधाभाई और चाचा शिवराम भाई को मंजूर नहीं था। लड़की के पिता और चाचा को गिरफ्तार कर लिया गया है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com