अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने के फैसले के बाद कूटनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। गुरुवार को भारत में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने ट्रंप की आलोचना करते हुए उन्हें ‘बुली’ (धौंस जमाने वाला) बताया।
उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “बुली को अगर एक इंच दीजिए, वो एक मील ले लेता है।” इसके साथ ही उन्होंने चीनी विदेश मंत्री वांग यी और ब्राज़ील के राष्ट्रपति के मुख्य सलाहकार के बीच हुई फोन बातचीत का एक अंश भी साझा किया।
चीनी मंत्री वांग यी ने कहा कि दूसरे देशों को दबाने के लिए टैरिफ का इस्तेमाल करना संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन है और इससे विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों को भी ठेस पहुंचती है।
भारत के खिलाफ एकतरफा फैसला: विदेश मंत्रालय
भारत सरकार ने भी इस टैरिफ वृद्धि को गैर-जरूरी और “एकतरफा फैसला” बताया है। विदेश मंत्रालय के आर्थिक संबंध विभाग के सचिव डॉ. डाम्मू रवि ने कहा, “इस निर्णय में कोई तर्क नहीं दिखता। शायद ये एक ऐसा दौर है जिसे हमें पार करना होगा। बातचीत अब भी जारी है, और हमें भरोसा है कि जल्द कोई समाधान निकलेगा।”
उन्होंने आगे कहा कि वाणिज्य मंत्रालय इस मुद्दे पर सक्रिय है और भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर जल्द ही कोई रास्ता निकलने की उम्मीद है।
किन क्षेत्रों पर पड़ेगा असर?
ट्रंप द्वारा घोषित इस नए टैरिफ का सबसे ज्यादा असर टेक्सटाइल (कपड़ा), ज्वेलरी और ऑटो पार्ट्स जैसे क्षेत्रों पर पड़ने की आशंका है।
यह शुल्क उन सामानों पर लागू होगा जो 21 दिनों के भीतर अमेरिकी सीमा में दाखिल होंगे या उपभोग के लिए गोदामों से निकाले जाएंगे। यह नियम ईस्टर्न डेलाइट टाइम (EDT) के अनुसार रात 12:01 बजे से लागू होगा।
BRICS देशों को निशाना?
गौरतलब है कि भारत ब्राज़ील के बाद दूसरा BRICS देश है, जिसे अमेरिका द्वारा 50% टैरिफ झेलना पड़ रहा है। इससे यह संकेत मिलता है कि अमेरिका की नई व्यापार नीति उभरती अर्थव्यवस्थाओं को निशाना बना रही है।