आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) की बैठक मंगलवार को शुरू हो गई है। जीडीपी ग्रोथ, महंगाई, निजी क्षेत्र के निवेश, क्रूड की कीमतों और निर्यात में कमजोरी जैसे अहम फैक्टर पर विचार करेगी। हालांकि जानकारों के मुताबिक रेट में शायद ही कटौती की जाए।
एचडीएफसी बैंक के चीफ इकोनॉमिक एक्सपर्ट अभीक बरूआ ने amarujala.com से बात करते हुए कहा कि आरबीआई के पास इस वक्त कई तरह के ऑप्शन हैं, लेकिन दरें बढ़ेंगी या घटेंगी इस पर आने वाला वक्त तय करेगा। हो सकता है कि रेट कट का फायदा बैंक अभी न देकर के फरवरी में दे। यह बहुत कुछ बुधवार की बैठक में तय होगा।
बैंक रेट और एमएसएफ रेट 6.25 फीसदी पर बरकरार रहेगा। हालांकि आरबीआई ने एसएलआर 0.5 फीसदी घटाकर 19.5 फीसदी किया है। आरबीआई की अगली क्रेडिट पॉलिसी 5-6 दिसंबर के दौरान होगी।
घटाया था जीवीए अनुमान
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2018 के लिए जीवीए अनुमान 7.3 फीसदी से घटाकर 6.7 फीसदी किया है। रिजर्व बैंक ने अक्टूबर-मार्च में रिटेल महंगाई दर 4.2-4.6 फीसदी रहने का अनुमान दिया है। जनवरी-मार्च 2018 और अप्रैल-जून 2018 में रिटेल महंगाई दर 4.6 फीसदी रहने का अनुमान है। जनवरी-मार्च 2019 में रिटेल महंगाई दर 4.5 फीसदी रहने का अनुमान है।
महंगाई दर बढ़ना बना था बड़ी वजह
अगस्त में थोक और रिटेल महंगाई दर में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली थी। पिछले दो महीने में इसमें 190 बेसिस पाइंट का इजाफा हुआ है। जीएसटी के लागू होने के बाद अक्टूबर से सभी तरह की उपभोक्ता वस्तुओं के दाम भी काफी बढ़ गए हैं, जिससे अभी महंगाई दर और बढ़ सकती है।